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प्रदेश में आने लगे स्मार्ट मीटर, मंत्री-विधायक भी मनमाने ढंग से नहीं जला सकेंगे बिजली

locationलखनऊPublished: Oct 12, 2017 04:08:29 pm

Submitted by:

Dikshant Sharma

मीटर लगने के बाद यूपी सबसे अधिक स्मार्ट मीटर लगाने वाला पहला राज्य बनेगा। इस पर 1300 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

smart meter

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लखनऊ। अब एक ओर बिजली सस्ती पड़ेगी तो दूसरी ओर चोरी भी आसानी से पकड़ी जा सकेगी। इस उद्देश्य से लगने वाले स्मार्ट मीटर की कवायद शुरू हो चुकी है। प्रदेश में करीब 40 लाख स्मार्ट मीटर लगने हैं। स्मार्ट मीटर खरीदने की प्रक्रिया भी शरू कर दी गयी है। सभी मीटर लगने के बाद यूपी सबसे अधिक स्मार्ट मीटर लगाने वाला पहला राज्य बनेगा। इस पर 1300 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
क्या है स्मार्ट मीटर
स्मार्ट मीटर में रेडियो फ्रीक्वेंसी होती है जो एक नेटवर्क के जरिए बिजली विभाग से जुड़ा होता है। जुड़े होने के चलते किसी भी मीटर की जानकारी ऑनलाइन ही ट्रैक की जा सकती है। विशेष तकनीकी बनावट के कारण प्रीपेड और स्मार्ट मीटरों में बिजली अन्य साधारण मीटरों की अपेक्षा करीब 1.25 से 1.50 फीसदी तक सस्ती हो सकती है।
मंत्री-विधायक भी मनमाने ढंग से नहीं जला सकेंगे बिजली
स्मार्ट मीटर लगने से मंत्री-विधायकों और सरकारी कार्यालयों में भी मनमाने ढंग से बिजली जलाने पर भी अंकुश लगेगी। इन सभी को अब प्रीपेड हाल्फ मीटर के जरिए बिजली दी जाएगी। पश्चिमांचल निगम के एमडी अभिषेक प्रकाश ने बताया कि मीटरों की आपूर्ति जल्द हो जाएगी।
देश में लगने हैं 1.7 करोड़ स्मार्ट मीटर

यूपी के लिए 40 लाख स्मार्ट मीटर लगभग 1300 करोड़ रुपये से खरीदे जाएंगे। वहीँ देश भर में 1.7 करोड़ स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य केंद्र की ओर से रखा गया है। केंद्र की एनर्जी एफिसिएंट सर्विस लिमिटेड(ईईएसएल) ने उज्‍जवल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना (उदय) के तहत ये लक्ष्य तय किया है। अभी फिलहाल दो ही राज्यों ने ये प्रक्रिया शुरू की है। 40 लाख यूपी और 10 लाख हरियाणा के लिए खरीद प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। 25 लाख स्मार्ट मीटर की सप्लाई के लिए टेंडर भी किया जा चुका है।

प्रमुख सचिव ऊर्जा आलोक कुमार ने बताया कि स्मार्ट मीटर और प्रीपेड ‘हाफ स्मार्ट’ मीटर खरीदने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। इससे बिजली चोरी पर अंकुश लगेगा और उभोक्ताओं की बचत भी होगी। पहले चरण में सभी सरकारी विभागों में प्रीपेड मीटरों को लगाया जाएगा।
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