अंतिम संस्कार के बाद स्मृति ईरानी ने कांग्रेस का नाम लिए बग़ैर उसे दोषी ठहराया और कहा कि अमेठी आतंकित हो। अमेठी टूटे-अमेठी झुके इसीलिए सुरेंद्र सिंह की हत्या की गई। स्मृति ने आगे कहा कि सन 1977 से लेकर 2019 तक सुरेंद्र प्रताप सिंह हर चुनाव मे एक कर्मठ कार्यकर्ता प्रगतिशील नेता के नाते विकास के मुद्दे पर जनता को समाधान देते हुए अपना जीवन व्यतीत कर रहे थे। आज दुर्भाग्य है से जश्न मनाने के बाद उनकी हत्या हो गई। भारतीय जनता पार्टी का शोकाकुल परिवार सुरेंद्र सिंह की आत्मा को प्रणाम करता है। उनकी आत्मा के साथ भाजपा का 11 करोड़ कार्यकर्ताओं का परिवार खड़ा है।
स्मृति ईरानी के करीबी रहे सुरेंद्र सिंह
अमेठी के बरौलिया गांव के पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह भाजपा नेता भी है और स्मृति ईरानी के करीबी भी हैं। इन्होंने लोकसभा चुनाव में स्मृति ईरानी के साथ प्रचार प्रसार में अपनी अहम भूमिका निभाई थी। स्मृति ईरानी के करीबी भाजपा नेता और पूर्व ग्राम प्रधान सुरेंद्र सिंह की अज्ञात बदमाशों ने बीती रात गोली मारकर हत्या कर दी। जब इसकी सूचना लोगों तक पहुंची तो पूरे शहर में हड़कम्प मच गया है और हत्या के बाद उनके पैतृक गांव अमरबोझा में लोगों का जमावड़ा लग गया।
दिल्ली से अमेठी आईं अंतिम यात्रा में शामिल होने
सुरेंद्र सिंह स्मृति ईरानी के इतने करीबी रहे कि वह खुद दिल्ली से उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए अमेठी आईं और उनके परिवार को सांत्वना दी और उनकी परिवार को संभालने की जिम्मेदारी भी ली। उन्होंने सुरेन्द्र सिंह के पुत्र अभय प्रताप सिंह से मुलाकात कर उन्हें दिलासा दी। साथ ही सुरेंद्र के पुत्र अभय सिंह ने कहा कि हमें न्याय मिलना चाहिए। यह मेरी लड़ाई है मैं सुप्रीम कोर्ट तक जाऊंगा।
भावुक होकर रो पड़ी स्मृति
हजारों लोगों की भीड़ के बीच स्मृति इरानी ने सुरेंद्र की अर्थी को कंधा देते हुए शमशान भूमि तक पहुंचाया। स्मृति इरानी इतनी भावुक हो गई कि वह मौके पर ही रो पड़ी। रास्ते भर जब तक सूरज चांद रहेगा, सुरेंद्र सिंह का नाम रहेगा का नारा गूंजता रहा। इस दुख भरी घड़ी के मौके पर राज्यमंत्री सुरेश पासी, मोहसिन रज़ा, मायंकेश्वर शरण, दल बहादुर, गजाधर सिंह, जिलाध्यक्ष दुर्गेश त्रिपाठी समेत हजारों लोग मौजूद रहे।
बेटे ने कांग्रेस पर लगाया आरोप
मृतक सुरेंद्र सिंह के बेटे का कहना है कि स्मृति की जीत के बाद यहां विजय यात्रा निकाली जानी थी। उसने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसके पिता की हत्या कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा कराई गई है। क्योंकि वह भाजपा की जीत को सह नहीं सकें। बता दें कि वारदात के बाद छापेमारी के दौरान कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया है।
डीजीपी ने ली 12 घंटों में मामले को हल करने की जिम्मेदारी
डीजीपी ओपी सिंह का कहना है कि शक के आधार पर सात लोगों को हिरासत में ले लिया गया है। यह केस अगले 12 घंटों में हल कर दिया जाएगा। जिसकी जांच के लिए आईजी को कड़े निर्देश देते हुए अमेठी भेजा हैं। इसेक साथ ही पुराने विवाद के मामलों को लेकर भी जांच की जा रही है। ओपी सिंह ने कहा कि सुरेन्द्र सिंह हत्याकांड की जांच के लिए पुलिस की तीन टीमें लगाई गई हैं जो अलग-अलग जगह पर दबिश दे रही हैं। इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस की भी मदद ली जा रही है।