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लखनऊ

राजा भैया की रैली में जुटे इतने समर्थक की सभी दलों में मच गया हड़कंप

बोले-पीडि़त परिवार में दुर्घटना होने के बाद उसकी जाति पूछकर मदद नहीं करनी चाहिए।
 

लखनऊNov 30, 2018 / 07:45 pm

Ashish Pandey

Raja Bhaya

राजा भैया की रैली में जुटे इतने समर्थक की सभी दलों में मच गया हड़कंप

लखनऊ. राजा भैया ने शुक्रवार को यहां पर भारी सभा आयोजित की। राजा भैया की रैली में दो लाख से अधिक लोग पहुंचे थे। राजधानी में जुटी इस भारी भीड़ के कारण हर तरफ जाम लग गया था। वहीं भारी भीड़ देख राजनीतिक दलों के होश भी उड़ गए हैं। सियासी गलियारों में इस बात की चर्चाएं होने लगी है कि अब राजा भइयो कई पार्टियों को लोकसभा चुनाव में भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं।
यूपी की सियासत में अब तक निर्दलीय विधायक के तौर पर राजनीति करने वाले राजा रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने अब अपनी पार्टी बना ली है।राजधानी के रामाबाई अंबेडकर मैदान में उन्होंने बड़ी रैली आयोजित की। इस रैली में लगभग दो लाख समर्थकों की भीड़ के बीच उन्होंने नई पार्टी का ऐलान करते हुए भाजपा सरकार पर भी हमल बोला। राजा भैया के अपनी राजनीति सफर के 25 वर्ष पूरे होने पर अपने समर्थकों के साथ रैली कर अपनी ताकत दिखाई।
रैली को संबोधित करते हुए राजा भैया ने कहा कि बलात्कार और हत्या के बाद पीडि़त को जाति के आधार पर मिलने वाला मुआवजा बंद होना चाहिए। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि किसी भी पीडि़त परिवार में दुर्घटना होने के बाद उसकी जाति पूछकर मदद नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी मजदूर, किसान और जवान के लिए संकल्पित है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी का एजेंडा है कि सेना और अर्धसैनिक बल के जवानों के सीमा पर शहीद होने पर एक करोड़ रुपये की सहायता राशि दी जाए। राजा भैया ने किसानों को लेकर सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि गन्ना किसानों का समय पर भुगतान नहीं हो रहा है।
जाति देखकर मुआवजा तय करना उचित नहीं है

कुंडा से विधायक राजा भैया ने कहा कि मैं दलित विरोधी नहीं हूं। बहुत से ऐसे विषय हैं जिस पर राजनीतिक दल मौन हैं। सरकार की नजर में सभी बराबर होने चाहिए, चाहे वह हिंदू, मुस्लिम, सिख या इसाई हो। सरकारी मुआवजा भी जाति को देखकर दिया जाता है और सभी राजनीतिक दल इस पर बोलेने से कतराते हैं। कहा कि संविधान में सबको समान अधिकार दिए गए हैं। जाति देखकर मुआवजा तय करना उचित नहीं है।
बराबरी की मांग करना अपराध नहीं होता
राजा भैया ने कहा कि 25 साल पहले गांव पहुंचे तो राजनीति का अनुभव नहीं था। 1993 से शुरू हुई मेरी यात्रा में सबका सहयोग रहा है। पूरे यूपी से लोग यहां आए हैं। एक सर्वे के माध्यम से ये फैसला लिया गया। 20 लाख लोगों में 80 प्रतिशत ने कहा स्वयं का दल बनाए हैं। चुनाव आयोग की ओर से जनसत्ता पार्टी, जनसत्ता दल या जनसत्ता लोकतांत्रिक पार्टी का विकल्प दिया गया है। इसके गठन के बाद मैनिफेस्टो बनेगा, जिसमें किसान, मजदूर और नौजवानों के मुद्दों का ध्यान रखा जाएगा। गन्ना किसानों के मुद्दे उठाएंगे। आज नौकरी, मुआवजा जाति देखकर दिया जा रहा है। बहुत से नेता कहेंगे कि दलित विरोधी हैं लेकिन ऐसा नहीं है। हम सबको साथ लेकर चलने वाले लोग हैं। दलितों के मुआवजे में कोई कटौती नहीं होना चाहिए। बराबरी की मांग करना अपराध नहीं होता है।
शिवपाल ने भेजी शुभकामनाएं
इस दौरान ये भी घोषणा हुई कि शिवपाल यादव ने भी अपनी शुभकामनाएं भेजी हैं। सूत्रों के मुताबिक भविष्य में राजा भैया की पार्टी शिवपाल की पार्टी से गठबंधन कर सकती है।
इस दौरान वरिष्ठ नेता शैलेंद्र कुमार, विनोद सरोज, हाजी मुन्ना, उमा शंकर यादव, गोपाल जी आदि मौजूद रहे।
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