scriptयूपी में गंगा दशहरा पर कहीं रौनक तो कहीं खाली दिखे नदियों के घाट | Somewhere celebration and somewhere no celebration on Ganga Dussehra | Patrika News

यूपी में गंगा दशहरा पर कहीं रौनक तो कहीं खाली दिखे नदियों के घाट

locationलखनऊPublished: Jun 01, 2020 04:23:53 pm

Submitted by:

Neeraj Patel

– पांचाल घाट पर सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर उड़ी धज्जियां- घरों में गंगाजल स्नान से श्रद्धालुओं ने दस हजार पापों से पाई मुक्ति- भगवान राम ने यहां पाई थी ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति
 

गंगा दशहरा पर कहीं रौनक तो कहीं खाली हैं नदियों के घाट

गंगा दशहरा पर कहीं रौनक तो कहीं खाली हैं नदियों के घाट

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन के कारण ज्येष्ठ दशहरा पर गंगा तटों पर लगने वाले 100 साल पुराने मेले इस वर्ष नहीं लग सके। प्रदेश में लॉकडाउन में इस बार गंगा दशहरा पर्व पर मेले का आयोजन नहीं किया गया है और न ही तीर्थ स्थानों पर ज्यादा भीड़ होने दी जा रही है। गंगा दशहरा पर कहीं रौनक रही तो कहीं नदियों के घाट खाली दिखाई दिये। इसके साथ ही गंगा दशहरा के अवसर पर कई श्रद्धालुयों ने तो घरों में ही गंगाजल से स्नान करके पापों से मुक्ति पाई है। वहीं भगवान राम ने जहां पर ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति पाई थी, उस स्थान पर त्रेता युग से लेकर आज तक जेष्ठ मास के दशहरा पर्व पर यहां पाप से मुक्ति पाने की लालसा में देश के कोने-कोने से लोग स्नान-दान करने के लिए आते हैं।

फर्रुखाबाद के गंगा तट के पंचाल घाट पर गंगा दशहरा पर हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई लेकिन इस बीच जमकर सोशल डिस्टेंसिंग की खुलेआम धज्जियां उड़ाई गई। जिला प्रशासन के रोक के बावजूद भी हजारों की तादाद में श्रद्धालु गंगा तट पर पहुंचे। गंगा दशहरा पर पुण्य की डुबकी लगाने के लिए आधी रात से ही गंगा तटों पर श्रद्धालुओं का हुजूम पहुंचने लगा। प्रशासन की आधी अधूरी तैयारियों के बीच गंगा दशहरा का स्नान करने वाले श्रद्धालुओं को जाम का सामना भी करना पड़ा। यहां लोगो ने गंगा स्नान कर पूजा अर्चना की।

गंगा दशहरा के अवसर पर पसरा रहा सन्नाटा

बुलंदशहर. कोेरोना महामारी से लोगों को बचाने के लिए उत्तर प्रदेश शासन ने सभी मेले और स्नान के आयोजन पर रोक लगा दी है। गंगा दशहरे अवसर पर गंगा तटों के किनारे श्रद्धालु स्नान करने के लिए न आए, इसके लिए यूपी के बुलंदशहर प्रशासन ने श्रद्धालुओं को रोकने के लिए गंगा तट से लगे इलाकों में पूरी तरह से पुलिस तैनात कर दी है और पुलिस नाव के जरिए गंगा में गश्त किया तो वहीं बुलंदशहर के गंगा तटीय इलाकों स्याना, अनूपशहर, कर्णवास, नरोरा, राजघाट, रामघाट इलाकों में जेठ के दशहरे पर जो कभी हजारों श्रद्धालुओं के स्नान के चलते चहल-पहल रहती थी वहां गंगा दशहरा के अवसर पर सन्नाटा पसरा रहा। अनूपशहर इलाके में पुलिस के साथ पूर्व सैनिक सेवा परिषद भी मुस्तैद रही। पूर्व सैनिक सेवा परिषद से जुड़े कार्यकर्ता आने वाले श्रद्धालुओं को समझा-बुझाकर वापस भेजा जा रहा है।

गंगा स्नान के लिए जरूरी लोगों को दी गई छूट

हापुड़. जिले की तीर्थनगरी गढ़मुक्तेश्वर में सोमवार को गंगा दशहरा पर्व पर गढ़मुक्तेश्वर गंगा में श्रद्धालुओं ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए आस्था की डुबकी लगाकर स्नान किया। इसके साथ ही हापुड पुलिस प्रशासन भी श्रद्धालुयों को सोशल डिस्टेंस का पालन कराने के लिए मुस्तैद दिखा। मान्यता है कि गंगा दशहरा पर्व पर गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुई थी जिसको लेकर गंगा स्नान किया जाता है। बता दें कि तीर्थनगरी में प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान करने के लिए पहुंचते थे लेकिन देश मे वैश्विक महामारी के कारण आज तीर्थनगरी में करीब 100 लोग ही गंगा स्नान करने के लिए पहुंचे। जिन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए गंगा स्नान किया। इसके साथ ही पुलिस ने लोगों को कोरोना वायरस की बीमारी से बचाने के लिए ज्यादा लोगों को गंगा घाट पर जाने नहीं दिया और कुछ श्रद्धालुओं के ज्यादा जरूरी होने पर ही उनको गंगा स्नान करने में छूट प्रदान की गई। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन द्वारा भारी पुलिस फोर्स और पीएसी को तैनात किया गया था।

गंगा दशहरा पर धोपाप धाम सूना

सुलतानपुर. त्रेता युग में भगवान राम ने लंकापति रावण का वध कर अयोध्या नगरी जाते समय जिस स्थान पर स्नान करके ब्रह्महत्या के पाप से मुक्ति पाई थी, वह धोपाप धाम जिले की लम्भुआ तहसील के उत्तरी छोर पर गोमती नदी के तट पर स्थित है। भगवान राम के स्नान करने से ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति मिलने के बाद ही इस स्थान का नाम धोपाप पड़ा था। त्रेता युग से इस तीर्थस्थल पर प्रत्येक गंगा दशहरा को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटती है। प्रत्येक वर्ष गंगा दशहरा को होने वाले स्नान पर्व पर आसपास ही नहीं, बल्कि देश के कोने-कोने एवं प्रदेश के दूरदराज के जिलों से भी श्रद्धालु यहां स्नान करते करने पहुंचते हैं। धोपाप धाम के राम घाट पर सद्भाव पूर्ण तरीके से कई आयोजन आयोजित किये जाते हैं। गंगा दशहरा के दिन गोमती नदी के धोपाप धाम पर स्नान के बाद लोग पूजन-अर्चन के लिए रामजानकी मंदिर में पहुंचते हैं। लेकिन इस बार “लॉकडाउन” श्रद्धा और भक्ति पर भारी पड़ गया है।

ट्रेंडिंग वीडियो