साइबर क्राइम सेल ने पूरी जांच करने के बाद पिता को बताया कि उनके कटे हुए पैसों का ट्रांसफर उनके ही मोबाइल से किया गया है तो यह बात सुनकर पुलिस और पिता दोनों एकदम सन्न रह गए। जब जांच हुई तो पहले तो उस बच्चे के छोटे होने पर शक नहीं हुआ जब पुलिस ने उस बच्चे से पूछताछ की तो बच्चे ने थोड़ी देर बाद ही सारी सच्चाई बता दी।
जानें क्या है पूरा मामला
बता दें कि कक्षा 4 का छात्र अक्सर ऑनलाइन गेम खेलता रहता था। कई ऑनलाइन गेम डाउनलोड करने के लिए पैसों को देना होता है, जिसमें ऑनलाइन गेम खेलने के लिए पेमेंट करना पड़ता है। ऑनलाइन गेम खेलने के लिए पेमेंट करने के लिए बच्चे ने एक अनोखा तरीका निकाला। उसने दिसंबर 2018 में अपने पिता के मोबाइल से चुपचाप पेटीएम अकाउंट खोल लिया। उसको पिता के बैंक अकाउंट से जोड़ दिया और उसके जरिए पेटीएम वॉलेट में कुछ पैसे ट्रांसफर कर दिए और ऑनलाइन गेम खेलना शुरू कर दिया। शुरुआत में उसने कम पैसे ट्रांसफर किए जिससे पिता को पता नहीं चला और ही भनक लगी।
इसके बाद बच्चे ने ऑनलाइन गेम के पेमेंट के लिए इस पेटीएम वॉलेट का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। जब भी इस पेटीएम वॉलेट में पैसे खत्म हो जाते, वह फिर से पिता के बैंक अकाउंट से इसमें पैसे ट्रांसफर कर लेता था। इस तरह उसने पिता को बिना बताए पिछले 1 साल में करीब 35 हजार रुपए पिता के बैंक अकाउंट से निकाल लिए। जिसकी जानकारी पिता को एक साल तक नहीं लग सकी। जब पिता ने अपना बैंक स्टेटमेंट देखा तो उन्हें शक हुआ कि उनके खाते से इतने पैसे कैसे कट गए। उनको लगा कि उनके साथ किसी ने ऑनलाइन साइबर फ्रॉड किया है। ऑनलाइन साइबर फ्रॉड के शक में उन्होंने इसकी जानकारी साइबर क्राइम सेल को दी।
छात्र ने अपनी गलती को स्वीकारा
साइबर क्राइम सेल की जांच में सच सामने आने के बाद छात्र ने अपनी गलती को स्वीकार किया और वह अंदर से काफी डरा हुआ है। उसे डर इस बात का था कि उसके पिता उसकी पिटाई कर सकते हैं, इसलिए सीओ हजरतगंज और साईबर क्राइम विंग के अधिकारियों ने उस बच्चे को काफी देर समझाया और उसकी काउंसलिंग भी की। इसके बाद मामले को समझा बुझाकर कर बच्चे और पिता को उसके घर भेज दिया गया।