इससे पहले पीलीभीत की घटना का जिक्र करते हुए सपा नेता ने योगी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि 500 रुपये भाड़ा न होने पर यूपी के पीलीभीत में एक शख्स को पोस्टमार्टम के बाद मृतक भाई के शव को ठेले पर लादकर श्मशान ले जाना पड़ा। वह डॉक्टरों से गुहार लगाता रहा, लेकिन किसी ने उसकी सुध नहीं ली! यही है रामराज्य की विकासवादी व्यवस्था, जहां गरीबों, दलितों पिछड़ों की अब कोई सुनवाई नहीं!
इससे पहले पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ रहीं कीमतों पर सपा एमएलसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरा था। सपा नेता ने ट्वीट करते हुए कहा कि 2014 में अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम कम हुए तो मोदी जी ने कहा कि वो क़िस्मत वाले हैं। तो क्या 2018 में कच्चे तेल के बढ़े दामों को ईश्वरीय संकेत माना जाए कि बढ़ते दाम, महंगाई और बेरोजगारी सब मोदी की बदकिस्मती के कारण हैं और देश की जनता का इससे छुटकारे का समय आ गया है।
सपा एमएलसी सुनील सिंह यादव ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी जी जनता को बांटने के बाद अफसरों पर अपना हाथ आजमा रहे हैं। सिविल सेवा में कैडर निर्धारण की व्यवस्था ही बदलने का कुचक्र रच रहे हैं जिससे अफसरों को नियम के बजाय अपने इशारे पर काम करने के लिये नचा सकें और दलितों, पिछडों, अल्पसंख्यकों को आगे बढ़ने से रोक सकें! यह अराजकता की हद है।