फर्जी निकला जाति प्रमाणपत्र चेतना सिंह के मुताबिक, जानकीपुरम प्रथम वार्ड संख्या आरक्षित थी। आरोप है कि सभा की पार्षद प्रत्याशी शीबा चांद सिद्दीकी पुत्री मुशीर बेग एवं पत्नी मोहम्मद चांद सिद्दीकी निवासी भाखामऊ में बीकेटी पिछड़ी जाति का फर्जी प्रमाण पत्र बनवा कर प्रत्याशी बनी थी।
चेतना सिंह ने सौंपा शिकायत पत्र इस संबंध में 29 नवंबर को चेतना सिंह ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देते हुए जांच की मांग की थी।
जिलाधिकारी कौशल राज ने बताया कि एसडीएम बीकेटी को जांच के आदेश दे दिए हैं। जांच रिपोर्ट कार्रवाई को राज्य निर्वाचन आयोग को भेज दी गई है। ये जांच रिपोर्ट आने के बाद प्रमाणपत्र फर्जी पाया गया है। बता दें कि शीबा ने चेतना सिंह को 2093 वोटों से मात दे कर पार्षद चुनी गयीं थीं।
जिलाधिकारी कौशल राज ने बताया कि एसडीएम बीकेटी को जांच के आदेश दे दिए हैं। जांच रिपोर्ट कार्रवाई को राज्य निर्वाचन आयोग को भेज दी गई है। ये जांच रिपोर्ट आने के बाद प्रमाणपत्र फर्जी पाया गया है। बता दें कि शीबा ने चेतना सिंह को 2093 वोटों से मात दे कर पार्षद चुनी गयीं थीं।
कोर्ट तक जाने का किया एलान इस मामले में पार्षद शीबा चांद का कहना है कि प्रशाषन ने जांच के साथ छेड़खानी की है। तहसील स्तर से जारी जाति प्रमाणपत्र को फर्जी बताकर सिर्फ एकतरफा जांच की गई है। पूरी जांच नहीं हुई है।
डोल रहा है सिंहासन इस मामले की जांच करने के लिए डीएम की अध्यक्षता में एडीएम प्रशाषन, एसडीएम बीकेटी और जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी की सदस्ता में कमेटी बनाई गई। इस जांच में शीबा चांद का जाति प्रमाणपत्र फर्जी निकला। इस वजह से इसे खारिज कर दिया गया है। इसके बाद से शीबा चांद का सिंहासन डोल रहा है। उनके पार्षद पद पर तलवार लटक रही है।