बाल विकास परियोजना अधिकारी ने बताया कि सुपोषण संबंधी 10 मुख्य बिन्दु हैं - बच्चे को जन्म के तुरंत बाद या एक घंटे के भीतर स्तनपान जरूर कराएं,जन्म से लेकर छह माह तक केवल माँ का दूध पिलाएं, छह माह के बाद ऊपरी आहार देना शुरू करें और ऊपरी आहार के साथ दो वर्ष तक स्तनपान जारी रखें ,आयु बढ़ने के साथ आहार की मात्रा को बढ़ाएं तथा आहार का गाढ़ापन और गुणवत्ता बनाए रखें। बच्चों को रोगमुक्त रखने और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए उन्हें विटामिन ए, आयरन, मौखिक निर्जलीकरण घोल (ओआरएस), जिंक और आयोडीन जरूर दें, रोगों से बचाव के लिए साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें, बीमार बच्चों की देखभाल अच्छी तरह से की जाए, अतिकुपोषित( सैम) बच्चों की समय से पहचान कर उनका प्रबंधन करना, किशोरियों में एनीमिया की रोकथाम के उपायों पर ध्यान देना और गर्भवती महिलाओं की ठीक से देखभाल करना।
श्रीवास्तव ने बताया कि इन 100 घरों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एक पर्ची देंगी जिसमें सुपोषण संबंधी 10 बातें और मतदान के महत्व के बारे में लिखा होगा। 100 परिवारों के चयन के दौरान इन परिवारों के बारे में सारी जानकारी ली जाएगी। जैसे - परिवार में कितने सदस्य हैं। कितने बच्चे और कितने वयस्क, उनकी आर्थिक स्थिति कैसी है।
श्रीवास्तव ने बताया कि इन 100 घरों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एक पर्ची देंगी जिसमें सुपोषण संबंधी 10 बातें और मतदान के महत्व के बारे में लिखा होगा। 100 परिवारों के चयन के दौरान इन परिवारों के बारे में सारी जानकारी ली जाएगी। जैसे - परिवार में कितने सदस्य हैं। कितने बच्चे और कितने वयस्क, उनकी आर्थिक स्थिति कैसी है।