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इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर रहेगा द्वापर युग जैसा संयोग, खास संयोग पर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से पूर्ण होगी मनचाही कामना

locationलखनऊPublished: Aug 30, 2021 04:41:49 pm

Submitted by:

Ritesh Singh

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर खास संयोग,पूर्ण होगी कामना

इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर रहेगा द्वापर युग जैसा संयोग, खास संयोग पर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से पूर्ण होगी मनचाही कामना

इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर रहेगा द्वापर युग जैसा संयोग, खास संयोग पर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से पूर्ण होगी मनचाही कामना

लखनऊ- भगवान श्रीकृष्ण ने भादौ माह में ही रोहिणी नक्षत्र के वृष लग्न में जन्म लिया था । इस बार कृष्णजन्मोत्सव पर 30 अगस्त को रोहणी नक्षत्र व हर्षण योग रहेगा । जन्माष्टमी के दिन अष्टमी और रोहिणी नक्षत्र एक साथ पड़ रहे हैं, इसे जयंती योग मानते हैं. द्वापरयुग में जब भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था, तब भी जयंती योग पड़ा था ।यह बातें आचार्य डॉ शिव बहादुर तिवारी ने बताई ।
जन्माष्टमी पर बनेगा जयंती योग

आचार्य डॉ शिव बहादुर तिवारी ने बताया कि इस वर्ष भगवान श्रीकृष्ण का 5247वां जन्मोत्सव मनाया जाएगा । भगवान श्रीकृष्ण का अवतरण 3228 ईसवी वर्ष पूर्व हुआ था । उन्होंने बताया कि 3102 ईसवी वर्ष पूर्व कान्हा ने इस लोक को छोड़ भी दिया । विक्रम संवत के अनुसार, कलयुग में उनकी आयु 2078 वर्ष हो चुकी है. अर्थात भगवान श्रीकृष्ण पृथ्वी लोक पर 125 साल, छह महीने और छह दिन तक रहे । उसके बाद गोलोक चले गए थे। पंचांग के अनुसार, भाद्रमास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ 29 अगस्त को रविवार को रात 11 बजकर 25 मिनट पर होगा. अष्टमी तिथि 30 अगस्त को रात में 1 बजकर 59 मिनट तक रहेगी. इस हिसाब से व्रत के लिए उदया तिथि को मानते हुए 30 अगस्त को जन्माष्टमी होगी ।
जन्माष्टमी पर बन रहे द्वापर जैसे संयोग

आचार्य श्री ने बताया कि बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर सुबह 6बजकर 41 मिनट से रात 12बजकर16 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा । भादों माह में ही भगवान श्रीकृष्ण ने रोहिणी नक्षत्र के वृष लग्न में जन्म लिया था । 30 अगस्त को रोहणी नक्षत्र व हर्षण योग रहेगा । जन्माष्टमी के दिन अष्टमी और रोहिणी नक्षत्र एक साथ पड़ रहे हैं, इसे जयंती योग मानते हैं और इसलिए ये संयोग और बेहतर है। द्वापरयुग में जब भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था, तब भी जयंती योग पड़ा था. ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर राशि के अनुसार भगवान कृष्ण को भोग लगाने से कान्हा की कृपा बनी रहती है । चंद्रमा एक दिन पहले से ही अगले दिन शाम तक वृषभ राशि पर रहेगा । अष्टमी तिथि भी रात 12 बजकर14 मिनट तक रहेगी । वहीं सोमवार को चन्द्रमा और भगवान शिव के आधिपत्य वाला दिन है ,जो जन्माष्टमी में शुभ और वृद्धिकारक रहेगा ।
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