scriptसंक्रमण से बचाव करेगा स्तनपान | Special on World Breastfeeding Week 31 july | Patrika News

संक्रमण से बचाव करेगा स्तनपान

locationलखनऊPublished: Jul 31, 2020 06:55:53 pm

Submitted by:

Ritesh Singh

विश्व स्तनपान सप्ताह पर विशेष

संक्रमण से बचाव करेगा स्तनपान

संक्रमण से बचाव करेगा स्तनपान

लखनऊ, शिशु के लिए स्तनपान सर्वोत्तम आहार है । माँ का दूध शिशु के व्यापक शारीरिक व मानसिक विकास के साथ ही डायरिया ,निमोनिया एवं कुपोषण से बचाने के लिए आवश्यक होता है। इस सम्बन्ध में राज्य स्तरीय प्रशिक्षक एवं वीरांगना अवंतिबाई जिला महिला चिकित्सालय के डा. सलमान कहते हैं माँ का दूध शिशु के लिए अमृत के समान होता है ।यह न केवल शिशु को पोषण देने का काम करता है बल्कि उनकी प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है ।
डा. सलमान के अनुसार नवजात को जन्म के एक घंटे के भीतर ही ही स्तनपान कराना चाहिए । यह तुरंत स्तनपान कहलाता है। माँ का पहला गाढ़ा पीला दूध जिसे खीस या कोलस्ट्रम कहते हैं नवजात के लिए बहुत स्वास्थ्यवर्धक होता है। यह माँ, परिवार , डॉक्टर और स्वास्थ्य कार्यकर्ता को सुनिश्चित करना चाहिए कि जन्म के एक घंटे के अन्दर नवजात को यह जरूर मिले । माँ के दूध में मौजूद एंटीबॉडी शिशु को संक्रमण से बचाते हैं । यह सुपाच्य होता है । इसलिए बच्चे के पेट में गड़बड़ी होने की सम्भावना कम होती है।
यह शिशु को सर्दी से भी बचाता है क्योंकि माँ का दूध शिशु को उसी तापमान में मिलता है जो उसके शरीर का होता है। माँ का दूध पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें पाया जाने वाला प्रोटीन आसानी से घुलने वाला होता है । जो बच्चा असानी से अवशोषित कर लेता है । माँ के दूध में विटामिन उचित मात्रा में होते हैं । इसमें उपस्थित लैक्टोस (शर्करा) ऊर्जा देती है । यह हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट कर देती है। डा. सलमान बताते हैं 1 महीने से 1 साल तक के बच्चे को सडेन इन्फेंट डेथ सिंड्रोम का खतरा होता है । माँ का दूध बच्चे को इस खतरे से भी बचाता है। शिशु को 6 माह तक केवल माँ का दूध ही पिलाना चाहिए । स्तनपान कराने से पहले शहद, गाय या बकरी का दूध, गुड़ या शक्कर का घोल नहीं देना चाहिए ।
कोविड संक्रमण के दौरान तो हमें इस बात पर बल देना है कि स्तनपान रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है । कोविड उपचाराधीन माँ को भी शिशु को स्तनपान कराना चाहिए । अभी तक किसी भी शोध से यह निष्कर्ष नहीं निकला है कि कोरोना वायरस माँ के दूध से शिशु तक पहुँच सकता है बस माँ को सावधानी बरतना जरूरी है । दूध पिलाने से पहले स्तनों को और स्वयं के हाथ साबुन से कम से कम 40 सेकेण्ड तक साफ़ करना चाहिए तथा चेहरे, नाक और मुंह पर मास्क लगाये रहना चाहिए ।
यदि माँ अपना दूध पिलाने में बिलकुल भी समर्थ नहीं है तो उस दशा में परिवार के किसी सदस्य के सहयोग से माँ के दूध को एक साफ कटोरी में निकालकर चम्मच से पिलाया जा सकता है। यदि माँ सर्दी, बुखार व् जुकाम से भी पीड़ित है तो उसे दूध पिलाना बंद नहीं करना है ।
डा, सलमान का कहना हैकि स्तनपान ही सबसे उपयुक्त भोजन है शिशु के लिए, इसका कोई सही विकल्प नहीं है । डिब्बा बंद दूध का उपयोग नहीं करना चाहिए क्यूंकि उसमें प्रिसेर्वेटिव्स का इस्तेमाल होता है जो कि दूध के पोषक तत्वों को खत्म कर देते हैं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (2015-16 ) के अनुसार उत्तर प्रदेश में 6 माह तक के 41.6% प्रतिशत बच्चे केवल स्तनपान करते हैं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (2015-16 ) के अनुसार लखनऊ में 6 माह तक के 47 प्रतिशत बच्चे केवल स्तनपान करते हैं ।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो