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अब यूपी में कोई भी अपराध नहीं रहेगा अबूझ पहेली, हर अपराध का खुलासा करेगा स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप

locationलखनऊPublished: Feb 17, 2020 09:13:26 pm

Submitted by:

Neeraj Patel

– क्राइम ब्रांच,एसटीएफ,स्वाट और सर्विलांस टीम के बाद अब एसओजी का गठन

अब यूपी में कोई भी अपराध नहीं रहेगा अबूझ पहेली, हर अपराध का खुलासा करेगा स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में हो रहे अपराध को जड़ से खत्म से करने के लिए एक बार फिर से स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) का गठन किया गया है। प्रदेश में बड़े से बड़े अपराधों के खुलासे करने व उनसे निपटने के लिए ही एसओजी टीम का गठन किया गया। इसके पहले 2013 में प्रदेश के सभी जिलों में एसओजी का गठन किया गया था लेकिन भ्रष्टाचार के चलते एसओजी को 2013 में ही भंग कर दिया गया था उसके बाद एसओजी के स्थान के पर क्राइम ब्रांच का गठन किया गया था। जानकारी के अनुसार शासन के निर्देश पर डीजीपी मुख्यालय ने सभी जिलों में एसओजी के गठन के लिए सभी पुलिस कप्तानों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने-अपने जिलों में एसओजी का गठन कर मुख्यालय को सूचित करें।

जानकारी के अनुसार प्रदेश में अपराधों की अबूझ पहेलियों को सुलझाने के लिए सभी जिलों में एसओजी टीम बनाई जाएगी। एसओजी का इंचार्ज जिले स्तर पर सब इंस्पेक्टर स्तर का पुलिस कर्मी रहेगा। अलग-अलग जिलों से मिली भ्रष्टाचार की शिकायतों के बाद 2013 में तत्कालीन एडीजी कानून व्यवस्था अरुण कुमार ने सभी जिलों की एसओजी को भंग कर दिया था।

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इसके स्थान पर क्राइम ब्रांच का गठन का आदेश दिया गया था। इसका इंचार्ज छोटे जिलों में पुलिस उपाधीक्षक और बड़े जिलों में अपर पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी को बनाया गया था। क्राइम ब्रांच को तीन भागों में बांटा गया था जिसमें अपराध शाखा, अभिसूचना शाखा और आपरेशन शाखा का गठन किया गया था। इसका काम किसी भी घटना के समय आपस में समन्वय स्थापित कर अनसुलझी घटनाओं का खुलासा करने का था। साथ ही बड़े अनसुलझी घटनाओं की विवेचना भी क्राइम ब्रांच द्वारा की जाने लगी। विवेचनाओं के बोझ से क्राइम ब्रांच की धार धीरे-धीरे कुंद होने लगी। इसका असर यह हुआ एसटीएफ जैसी प्रदेश स्तर की एजेंसी को अनसुलझे मामले दिए जाने लगे। बाद में जिला स्तर पर स्वाट टीम और सर्विलांस टीम का भी गठन एसपी या एसएसपी स्तर से किया जाने लगा।

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स्वाट टीम को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए यूपी एटीएस के स्पॉट कमांडोज ने प्रशिक्षित किया गया और उन्हें अत्याधुनिक असलहों से लैस किया गया। इसके बाद भी अनसुलझे मामले जिलों में बढ़ते रहे। थानों पर घटना के बाद जिले की एक-दो नहीं बल्कि अलग अलग यूनिट की अलग टीम लगाकर जांच कराई जाने लगी। यानी जिलों में घटना के बाद जिन टीमों को सक्रिय किया जाता है उसमें थाने के अलावा क्राइम ब्रांच, स्वाट, सर्विलांस टीम और अब एसओजी की टीम लगाई जा रही है। लगभग सभी जिलों में एसओजी का गठन कर दिया गया है, जो सीधे जिलों में एसपी को रिपोर्ट कर रही हैं और अधिकार व कार्रवाई के मामले में यह टीमें किसी थाने या क्राइम ब्रांच से मजबूत मानी जा रही हैं।

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