उक्त प्रशिक्षण राज्य स्तर पर गठित कोविड वर्चुअल सपोर्ट ग्रुप के देखरेख में संपादित किया गया । इसमें प्रदेश की 160 बाल देखरेख संस्थाओं एवं 19 विशेष दत्तक ग्रहण इकाइयों के साथ जिला बाल संरक्षण इकाई के कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया गया । बाल देखरेख संस्थाओं में कोविड से बचाव के लिए सरल एवं महत्वपूर्ण प्रणालियों का निर्माण करना एवं उसका पालन किये जाने पर आधारित इन कार्यक्रमों में किशोर न्याय अधिनियम के तहत हर तरह की कार्यप्रणालियों को सजग रूप से पालन करने, जैसे – व्यक्तिगत देखरेख योजना, संस्थाओं का निरीक्षण एवं संबन्धित प्रारूप पर निरीक्षण रिपोर्ट, मानसिक स्वास्थ्य की देखरेख एवं परामर्शदाताओं की उपस्थिति, उपलब्धता सुनिश्चित करना, डॉक्टर की उपस्थिति आदि विषय शामिल थे ।
इसके साथ ही वर्तमान में कोविड महामारी से बचाव के लिए संस्थाओ में एस.ओ.पी. (मानक संचालन प्रक्रिया) एवं कोविड से बचाव के लिए कमेटी का निर्माण जो कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन सुनिश्चित करेगी एवं जमीनी स्तर पर आ रही दुविधाओं एवं परेशानियों की सूचना ज़िला निरीक्षण समिति या संबन्धित अधिकारी तक पहुंचाने का कार्य करेगी ।
नौ दिवसीय इस कार्यक्रम की शुरुआत निदेशक – महिला कल्याण मनोज राय ने की । उन्होंने कहा विभाग के लिए बच्चों और स्टाफ की सुरक्षा सर्वोपरि है । उन्होंने संस्थाओं तथा कार्मिकों को कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन करने के निर्देश दिये ।विभाग के सलाहकार नीरज मिश्रा ने कहाकि यह प्रशिक्षण बच्चों को कोविड की तीसरी लहर से बचाव में अहम भूमिका निभाएगा । प्रशिक्षण के दौरान निदेशालय से अन्य अधिकारी बृजेन्द्र सिंह निरंजन, पुनीत मिश्रा, अनु सिंह सहित मंडल स्तर के अन्य उप निदेशक मौजूद रहे ।