सरकार ऐसे किसी भ्रष्टाचार में घिरने पर अलग अलग एजेंसी से जांच कराने की बात कह कर जनता को गुमराह कर देती है। सरकार साइकिल से अफसरों को उपभोक्ताओं के घर भेजेगी और गलत बिलिंग की एसटीएफ से जांच कराएगी, मगर उपभोक्ताओं को लूटने वाले ‘स्कैम’ मीटर वापस नहीं लेगी।
इस तरह से यह सरकार उपभोक्ता हितों के संरक्षण का बस दिखावा कर रही है। जब यह साबित हो चुका है कि स्मार्ट मीटर 30 से 40 प्रतिशत तेज चल रहे हैं तो सरकार उसका मोह क्यों नहीं छोड़ रही। बिजली के नाम पर जनता से जारी यह लूट बंद होनी चाहिए। उन्होंने अपील की कि प्रदेश की जनता के हित में सरकार स्मार्ट मीटर अविलंब वापस ले, अन्यथा इसे लेकर आम आदमी पार्टी संघर्ष को और आगे बढ़ाएगी।