जब भी मौका मिलता है वह युवाओं से संवाद भी करते हैं। उनका विरोध उनके प्रति है जो युवाओं को बेवजह उकसा रहे हैं। उनसे सरकार पर दबाव के लिए चंदा वसूल कर प्रयोजित धरना-प्रदर्शन के लिए उकसा रहे हैं। ऐसे लोगों को इस तरह के कामों के लिए खाद-पानी आपकी सरकार की ही सरपरस्ती में मिली है, क्योंकि तब सरकारी नौकरियां मेरिट पर नहीं, क्षेत्र, जाति और मजहब के आधार पर मिलती थीं। इसके लिए भी आपके लोग झोला लेकर चलते थे।
सुरेश खन्ना ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में जिन साढ़े चार लाख युवाओं को नौकरियां मिलीं हैं, उनका एक मात्र आधार मेरिट रहा है। ऐसे में आपको तकलीफ होना स्वाभविक है। रही बात कानून-व्यवस्था की, तो सपा के पूरे कार्यकाल को अराजकता के लिए ही जाना जाता था। थाने से लेकर जिले तक बिकते थे। इस बारे में बोलने का अखिलेश को कोई हक नहीं।
सुरेश खन्ना ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में जिन साढ़े चार लाख युवाओं को नौकरियां मिलीं हैं, उनका एक मात्र आधार मेरिट रहा है। ऐसे में आपको तकलीफ होना स्वाभविक है। रही बात कानून-व्यवस्था की, तो सपा के पूरे कार्यकाल को अराजकता के लिए ही जाना जाता था। थाने से लेकर जिले तक बिकते थे। इस बारे में बोलने का अखिलेश को कोई हक नहीं।
बता दें कि बीते दिनों अखिलेश यादव ने ट्वीट कर सरकार पर तमाम आरोप लगाए थे। अखिलेश ने ट्विटर पर लिखा “युवा-अभिव्यक्ति को भाजपा द्वारा कभी संपत्ति ज़ब्त करने का डर दिखाकर धमकाया जा रहा है तो कभी राज्याश्रय प्राप्त दबंगों द्वारा हत्या करके। इलाहाबाद के कौंधियारा में एक ट्विटर पोस्ट पर युवक की हत्या घोर निंदनीय है! सुरेश खन्ना की ताजा टिप्पणी इसी का जवाब मानी जा रही है।