उन्होंने कहा कि वर्तमान शासन में जिस तंत्र के ऊपर कानून व्यवस्था का जिम्मा है, वही सुरक्षा देने के स्थान पर व्यापारियों से वैध और अवैध तरीकों से धन उगाही में लगा हुआ है। हाल ही में जिस प्रकार महोबा के व्यवसायी की मौत के बाद खुलासा हुआ वह किसी भी सरकार के लिये बहुत शर्मनाक है। महोबा में पुलिस अधीक्षक स्तर का अधिकारी अपने समकक्ष व अधीनस्थ अधिकारियों के साथ एक गिरोह की तरह संगठित कार्य करते हुए रकम वसूली करता है। वसूली की रकम ना देने पर व्यापारी इन्द्रकांत त्रिपाठी की हत्या तक करा देता है इससे ज्यादा शर्मनाक घटना कानून व्यवस्था के लिए नहीं हो सकती।
चंद दिन पहले पड़ोस के ही जनपद मेरठ में स्वर्ण व्यापारी अमन जैन की लूटपाट का विरोध पर सरेआम हत्या कर दी जाती है। चंदौली में व्यापारी नंदलाल जायसवाल के बेटे सिद्धार्थ का अपहरण कर उसकी निर्मम हत्या कर दी जाती है।हत्या करने के बाद भी अपराधी दुस्साहस पूर्वक घरवालों से 20 लाख रुपयों की फिरौती मांगते हैं। अलीगढ़ में व्यापारियों के साथ लूट और हत्या कांड की हुई ताबड़तोड़ घटनाएं, कानपुर का संजीत यादव हत्याकांड, मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर के पिपराइच में पान व्यापारी के बेटे की अपहरण के बाद हत्या, लखनऊ, कानपुर, रामपुर और हरदोई में व्यापारियों की हत्यायें चंद उदाहरण मात्र है।
इसके अतिरिक्त दर्जनों ऐसी घटनाएं हैं जिनमें पीड़ित पक्ष डर के कारण पुलिस के पास पहुंचता ही नहीं है। उ० प्र० में व्यापारी इस समय नोटबंदी और गलत जीएसटी से हताशा की स्थिति में है। बिना तैयारी के लगाए गए लॉकडाउन में करोना की मार से मानसिक अवसाद का शिकार होकर व्यवसायी आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो रहे हैं। इस तरह की लूट, डकैती, अपहरण और हत्या से व्यापारी वर्ग अपने आप को बहुत असुरक्षित मान रहा है। समाजवादी पार्टी कानून व्यवस्था के सबसे बुरे दौर में, पीड़ित व्यापारियों और आम नागरिकों के साथ है और राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की ओर से उनके प्रतिनिधि के रूप में, मैं मुजफ्फरनगर जनपद के व्यापारियों और जनता को यह विश्वास दिलाने आया हूं कि “हम आपके साथ हैं”। इसके लिये हम प्रत्येक सम्भव माध्यम एवं तरीके से आपकी सुरक्षा के लिये प्रतिबद्ध हैं।