वन्यजीव संरक्षक अनुराग कुमार ने आदिवासियों को वन्यजीवों से प्रेम करना सीखा दिया
world sparrow day
लखनऊ.वन्यजीव संरक्षक अनुराग कुमार ने आदिवासियों को वन्यजीवों से प्रेम करना सीखा दिया। जिन आदिवासियों का भोजन ही वन्यजीव हैं आज उनके बच्चे नेचर स्कूल में पढ़कर वन्यजीवों से प्रेम कर रहे हैं। गौरैया हो या फिर अन्य पक्षी और जानवर सभी के बारे में उनको तमाम जानकारी मिल रही है। दर्जनों नन्हें बच्चे अब वाइल लाइफ एक्सपर्ट बन रहे हैं। यह सब कुछ लखनऊ के अनुराग ने खुद के दम पर संभव किया।
20 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय गौरैया दिवस मनाया जायेगा। अनुराग ने बताया की वह दुधवा के बंसीनगर गांव के बच्चों और बड़ों में लुप्त होते पक्षियों से लेकर जानवरों के बारे में जानकारी दे रहे हैं। अनुराग ने बताया की बच्चे पहले स्कूल से पढ़कर आते हैं फिर नेचर क्लास में आकर उनको नेचर की जानकारी दी जाती है।
शाम को लगती है नेचर बचाने की क्लास लखीमपुर में पले बढे अनुराग शाम को बच्चों के लिए दो घंटे की नेचर क्लास चलाते हैं। इन दिनों वह बच्चों को गौरैया के विलुप्त होने और उनको बचाने के तरीके बता रहे हैं। उनकी क्लास में एक दर्जन से अधिक बच्चे हैं। उन्होंने अपनी क्लास के लिए एक टीचर और एक केयरटेकर की भी नियुक्ति की है। अनुराग ने बताया की उन्होंने थारु जनजाति के बच्चों को भी नेचर एजुकेशन से जोड़ा है जो की बहुत जरुरी है।
अपनी सैलरी खर्च करते हैं नेचर क्लास में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन में कार्यरत अनुराग अपनी सैलरी का 30 प्रतिशत हिस्सा नेचर क्लास की पढाई के लिए खर्च करते हैं। इसके लिए उन्होंने किसी से मदद नहीं ली।
घर में भी चल रही क्लास लखनऊ के वृन्दावन कालोनी में रहने वाले अनुराग इन दिनों अपने घर में भी नेचर एजुकेशन से बच्चों को जोड़ रहे हैं। उन्होंने बच्चों को गौरैया संरक्षण के लिए जागरूक करना शुरू किया है। वह बताते हैं की बच्चे जल्दी समझ जाते हैं जिससे वह अपने माता पिता को घर में जागरूक करते हैं।