ऐसे की शुरूआत सुलखान सिंह बांदा के तिंदवारी क्षेत्र के जौहरपुर गांव के रहने वाले हैं। इनका जन्म 1957 में हुआ था। सुलखान सिंह ने इंटर तक की पढ़ाई बांदा से की थी। इसके बाद आईआईटी रुढ़की में इन्होंने इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की। इसके बाद दिल्ली से एमटेक किया और फिर कुछ समय तक के लिए रेलवे में इंजीनियर पद पर तैनात रहे।
तय की पुलिस की जवाबदेही 1983 में सुलखाल सिंह भारतीय पुलिस सेवा में चुने गए। साल 2001 में वह लखनऊ के उपमहानिदेशक बनाए गए। अपने कार्यकाल के दौरान वह कई भ्रष्ट पुलिस अफसरों का तबादला करवा कर सुर्खियों में रहे। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने अपराध नियंत्रण के जमीनी प्रयास शुरू किए। उन्होंने पुलिस की बीट व्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए। दूरदराज जिलों के पुलिस अधिकारियों के क्रियाकलापों की वे जानकारी रखते थे। सुलखान सिंह ने लूट-डकैट और चोरी जैसे घटनाओं की वारदात में भी पुलिसकर्मियों की जवाबदेही तय कराई।