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21वीं सदी को मुंह चिढ़ातीं अंधविश्वास की ये घटनाएं

locationलखनऊPublished: Oct 26, 2020 04:31:36 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

– 21वीं सदी में भी अंधविश्वास पर विश्वास!- देवी मां को खुश करने के लिए चढ़ाई जीभ तो कहीं गर्दन- मनौतियां पूरी करने के लिए लोग तंत्र-मंत्र का सहारा ले रहे हैं

अंधविश्वास पर विश्वास! देवी मां को खुश करने के लिए चढ़ाई जीभ तो कहीं गर्दन

अंधविश्वास पर विश्वास! देवी मां को खुश करने के लिए चढ़ाई जीभ तो कहीं गर्दन

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
लखनऊ. 21वीं सदी में भी अंधविश्वास से लोगों का पीछा नहीं छूट रहा है। लोग मनौतियों पूरी करने के लिए तंत्र-मंत्र का सहारा ले रहे हैं। इसमें वह खुद की जान देने से भी नहीं हिचकते। अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए दूसरे की भी जान लेने से पीछे नहीं हटते। इस अंधविश्वास के चलते उनको अपना मकसद तो हासिल नहीं होता, पर कानून और समाज की नजरों में वह अपराधी जरूर साबित हो जाते हैं। ताजा मामला बुंदेलखंड के हमीरपुर और बांदा जिले का है, जहां अंधविश्वास में पड़कर एक ने देवी मां को प्रसन्न करने के लिए जीभ काटकर चढ़ा दी, दूसरे ने भगवान शंकर के सामने खुद की बलि देने का प्रयास किया। दोनों को तंत्र साधना में सिद्धि तो नहीं मिली, लेकिन जिला अस्पताल में पहुंचकर जिंदगी और मौत के बीच जूझ जरूर रहे हैं।
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए रेती गर्दन
हमीरपुर जिले के कुरारा थाना क्षेत्र के बेरी गांव स्थित कोटेश्वर महादेव मंदिर में पूजा करने गए एक भक्त ने अपनी गर्दन पर सरौते से वारकर खुद की बलि देने का प्रयास किया। आवाज सुनकर मंदिर के पुजारी राधावाचार्य पहुंचे तो अधेड़ को तड़पता देख पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया। जानकारी के मुताबिक, बेरी गांव निवासी रुक्मणी विश्वकर्मा अक्सर तांत्रिक साधना में लीन रहता था, लेकिन उसे साधना सिद्धि में सफलता नहीं मिल रही थी। इसी के चलते उसने केटेश्वर शिव मंदिर पहुंचकर खुद की गर्दन पर सरौते से वार कर अपनी गर्दन भगवान शिव में चढ़ाने की कोशिश कर डाली, गर्दन पर वार करते ही वह खून से लथपथ हो गया और मंदिर में ही बेहोश हो गया। एसपी हमीरपुर नरेंद्र कुमार सिंह ने अंधविश्वास में पड़कर अधेड़ द्वारा खुद की बलि चढ़ाने का मामला प्रकाश में आया है। घायल को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया हैं, जहां उसका इलाज चल रहा है। पुलिस ने बलि में प्रयुक्त किये गये हथियार को बरामद कर लिया है।
अंधविश्वास पर विश्वास! देवी मां को खुश करने के लिए चढ़ाई जीभ तो कहीं गर्दन
जीभ काटकर मंदिर में चढ़ा दी
बांदा जिले में बबेरू कोतवाली क्षेत्र के भाटी गांव के आत्मराम (32) ने नवरात्र का व्रत रखा था। अंतिम दिन वह देवी मां खेरापति मंदिर गया और अपनी जीभ काटकर मां को चढ़ा दी। जीभ काटने की वजह से मंदिर के फर्श पर खून-खून नजर आने लगा। देखते ही देखते मौके पर भीड़ इकट्ठा हो गई। बबेरू कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) जय श्याम शुक्ला ने बताया कि पूरा मामला अंधविश्वास का मालूम पड़ रहा है। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत में सुधार है। वहीं, युवक के पिता रामसिंह ने पुलिस को बताया कि उसका बेटा मानसिक रूप से बीमार है। किसी के बहकावे में आकर उसने ऐसा किया है। उन्होंने बताया कि बीते नौ दिनों से वह उपवास कर रहा था।
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