छह महीने बाद हुए थे रिहा बीते सितंबर महीने में डॉक्टर कफील मथुरा जेल से रिहा हुए थे। डॉ कफील खान को गोरखपुर के गुलहरिया थाने में दर्ज केस के सिलसिले में 29 जनवरी 2020 को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। जेल में रहते हुए रासुका की तामील कराई गई। डॉक्टर कफील पर नागरिकता संशोधन कानून और भारतीय राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर को लेकर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में अलीगढ़ के डीएम ने NSA की कार्रवाई की थी। इसके खिलाफ डॉक्टर कफील की मां नुजहत परवीन ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। एक सितंबर को हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा था कि डॉक्टर के भाषण ने नफरत या हिंसा को बढ़ावा देने के लिए कोई प्रयास नहीं दिखाई देता।
गोरखपुर केस से सामने आया था नाम आपको बता दें कि डॉक्टर कफील खान 2017 में उस समय चर्चा में आए थे, जब गोरखपुर में बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 60 से ज्यादा बच्चों की मौत एक सप्ताह के अंदर हो गई थी। तब डॉ. खान को सस्पेंड कर दिया गया था। उन्हें इंसेफेलाइटिस वार्ड में अपनी ड्यूटी में लापरवाही बरतने और निजी प्रैक्टिस करने के आरोप में गिरफ्तार भी किया गया था। हालांकि पिछले साल उन्हें अदालत ने सभी आरोपों से बाइज्जत बरी कर दिया था।