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क्या है फार्म 54, इंश्योरेंस क्लेम के लिए क्यों है जरूरी

locationलखनऊPublished: Dec 11, 2017 01:48:05 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

लिस विवेचना के दौैरान चार्जशीट के साथ पुलिस फार्म ५४ नहीं भरती। इससे पीड़ित परिजन के परिवार वालों को इंश्योरेंस क्लेम नहीं मिलती।

form 54
आए दिन सड़क हादसे होते रहते हैं। इसमें कई लोगों की जान चली जाती है, तो कई परिवार वालों को खाने के लाले पड़ जाते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि पुलिस की एक चूक के कारण ही परिजनों को झेलना पड़ जाता है। दरअसल पुलिस विवेचना के दौैरान चार्जशीट के साथ पुलिस फार्म ५४ नहीं भरती। इससे पीड़ित परिजन के परिवार वालों को इंश्योरेंस क्लेम नहीं मिलती। ऐसे में अगर इंश्योरेंस क्लेम करना है, तो फार्म ५४ भरना जरूरी है। लेकिन पुलिस की लापरवाही के कारण कई लोगों को नुकसान झेलना पड़ता है।
ऐसी स्थिती में लोगों को सहारा मिल सके, इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान याचिका दायर करना अनिवार्य कर दिया है। इससे कई पीड़ित परिजन के परिवार वालों को सहारा मिलेगा। कई बार ऐसा भी होता है कि किसी भी तरह के झंझट से बचने के लिए एक्सीडेंट के वक्त पुलिस पंचनामा दायर करके बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेज देती है।
जाहिर है ऐसे कई केसेस सामने आए हैं, जिसमें १०० में से १० फीसदी लोग ही इंश्योरेंस क्लेम कर पाते हैं। जो लोग फार्म ५४ नहीं भर पाते, उन्हें कोर्ट में याचिका के दौरान परेशानी झेलनी पड़ती है। ऐसे में कोर्ट के बाहर ही उन्हें कुछ पैसे देकर एडजस्टमेंट करना होता है।
सड़क हादसों में कितने लोगों को फार्म ५४ भरने से फायदा मिलता है और कितनों को नहीं, ये जानने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार से सड़क हादसों की रिपोर्ट, इंश्योरेंस क्लेम की डिटेल, फार्म ५४ भरने वालों की संख्या, हादसे में गाड़ियों की स्थिती कैसी थी सहित की चीजों की जानकारी ली।
क्या है फार्म ५४
सड़क हादसों में फार्म ५४ विवेचक के द्वारा भरा जाता है। इस फार्म में हादसे के शिकार व्यक्ति की सारी डिटेल्स भरी जाती हैं। इसमें पीड़ित व्यक्ति का नाम, परिवार का पता, हादसे के दौरान उसकी उम्र, उसका कामकाज और आर्थिक स्थिती की जानकारी भरी जाती है। इसके साथ ही उसकी गाड़ी की डिटेल्स, गाड़ी का नंबर, लाइसेंस और बाकि की जानकारी ली जाती है। पुलिस कंप्लेन के दौरान चार्जशीट के साथ फार्म ५४ भी भरा जाना होता है। ये फार्म चार्जशीट के साथ कोर्ट में जमा करना होता है। इसी के आधार पर कोर्ट पीड़ित परिवार के परिजनों को इंश्योरेंस क्लेम करती है।
पीड़ित की मदद में हर तरप लापरवाही बरती जा रही है। ऐसे लापरवाही के केसेस कम हों, इसके लिए अब ये नियम बनाया गया है कि क्लेम लेने के लिए फार्म ५४ भरना अनिवार्य है।
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