लखनऊ

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की उड़ी धज्जियां-करोड़ों रुपए पटाखों में स्वाहा

लखनऊ दूसरा सबसे प्रदूषित शहर।
 

लखनऊNov 08, 2018 / 03:56 pm

Ashish Pandey

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की उड़ी धज्जियां-करोड़ों रुपए पटाखों में स्वाहा

लखनऊ. दिपावली के मौके पर पूरे प्रदेश में जमकर पटाखे फोड़े गए, बुधवार की आधी रात तक पटाखे फुटते रहे। देर रात तक पटाखे छोडऩे वाले कुछ लोगों को फौरी तौर हिरासत में लिया गया लेकिन उसका कोई असर देखने को नहीं मिला। राजधानी लखनऊ में ही खुलेआम सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की धज्जियां उड़ाई गईं। सूर्यास्त के बाद ही पटाखे और फुलझडिय़ां फूटने लगे। इसका असर यह हुआ कि पहले से ही प्रदूषण की मार झेल रही राजधानी लखनऊ और भी प्रदूषित हो गई। लोगों को रात में ही सांस लेने में परेशानी होने लगी।
प्रदूषण का असर सुबह भी दिखा, अपने शरीर में जहर भर जाने की आशंका में लोग सुबह टहलने के लिए अपने घरों से नहीं निकले। प्रदूषण का आलम यह था कि धुंध देख गई। राजधानी के इंदिरानगर, अलीगंज, गोमतीनगर इलाके में ज्यादे प्रदूषण देखा गया। मौसम विभाग का कहना है कि मौसम में तब्दीली की वजह से भी अगले तीन-चार दिनों तक प्रदूषण का स्तर कम नहीं होगा। राजधानी के कुछ इलाकों में बुधवार की रात वायु गुणवक्ता सूचकांक 800 तक के इंडेक्स पर पहुंच गई। राजधानी के अलावा कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी और नोएडा जैसे बड़े शहरों में प्रदूषण का स्तर काफी खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। हालांकि सुबह के एयरक्वालिटी इंडेक्स में कुछ सुधार देखा गया उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा एयरक्वालिटी इंडेक्स मुरादाबाद का खराब रहा, यहां का एक्यूआई 412 था जबकि लखनऊ का 384 से लेकर 411 तक एक्यूआई रिकार्ड किया गया। एक हफ्ते पहले लखनऊ में अलीगंज और ट्रंास गोमती में एक्ूयआई 290 और 310 के आसपास था।
लखनऊ में ही फूंक डाले
दिवाली के दिन अकेले लखनऊ में ही करोड़ों रुपए के पटाखे जला डाले। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का भी लोगों पर कोई असर नहीं दिखा।

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पटाखा जलाने से फैक्ट्री में लगी आग, दमकल कर्मियों ने कड़ी मशक्कत के
बाद पाया काबू
लखनऊ. राजधानी के नाका क्षेत्र के राजेंद्र नगर में पटाखा जलाने के दौरान एक
रॉकेट गोयल फैक्ट्री में जाकर गिर गया, जिससे फैक्ट्री में आग लग गई। इस फैक्ट्री में मोमबत्ती बनाने का काम होता है, इस वजह से आग बहुत तेजी से फैली। घटना बुधवार रात 10 बजे की है। लोग दिवाली की रात आतिशबाजी कर रहे थे। आग इतनी भीषण थी कि उसने अपनी चपेट में पूरी बिल्डिंग को ले लिया। बिल्डिंग में रखे गैस सिलेंडर एक-एक करके फटने लगे जिससे आग ने और विकराल रूप ले लिया।
कारखाना घनी आबादी के बीच एक बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर में चल रहा था। बिल्डिंग दो मंजिला है, जिसमें ऊपर फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूर रहते थे। गनीमत यह रहा कि मजदूर दीपावली पर अपने घर चले गए थे, इसलिए कोई बड़ा हादसा होने से बच गया। कारखाने में फायर फाइटिंग का भी इंतजाम नहीं था। सूचना पर फायर ब्रिगेड की गाडिय़ां मौके पर पहुंची और कई घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। हालांकि दीपावली होने की वजह से दमकल की गाडिय़ों को मौके पर पहुंचने में काफी परेशानी भी हुई। आग से कितने का नुकसान हुई इसका पता नहीं चल सका है।

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