सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि अयोध्या में मस्जिद के लिए बनी इस्लामिक फाउंडेशन में केंद्र या राज्य सरकार का कोई भी नुमाइंदा शामिल नहीं किया जाएगा। इसके अलावा मस्जिद के इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट में सरकारी प्रतिनिधि शामिल करने की मांग पर विचार करने से भी सुप्रीम कोर्ट ने साफ इनकार कर दिया है। इसके लिए दायर याचिका में मांग की गई थी कि जिस तरह राम जन्मभूमि ट्रस्ट में सरकारी प्रतिनिधि शामिल हैं। ठीक वैसे ही अयोध्या में बन रही मस्जिद के ट्रस्ट में भी होने चाहिए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज को ही कर दिया और इस मांग को ठुकरा दिया है।
बनेगी बाबरी से बड़ी मस्जिद वहीं फाउंडेशन के अध्यक्ष फारूकी ने कहा कि नई मस्जिद बाबरी मस्जिद से भी बड़ी बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि हम अयोध्या में मस्जिद और उससे जुड़े दूसरे प्रतिष्ठानों के निर्माण का काम शुरू करने के लिए तेजी से काम कर रहे हैं। विश्वस्तरीय मस्जिद बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों से परामर्श भी लिया जा रहा है। यहां पर एक अस्पताल भी बनाया जाएगा। यह पैगंबर द्वारा दी गई सीख के मुताबिक लोगों की सेवा के लिए होगा।
रोहित श्रीवास्तव ने दिया मस्जिद को पहला दान अयोध्या में बनने वाली मस्जिद के लिए पहला दान देने वालों में पहला नाम रोहित श्रीवास्तव का जुड़ा है। रोहित श्रीवास्तव लखनऊ विश्वविद्यालय के लॉ डिपार्टमेंट के कर्मचारी हैं। उन्होंने लखनऊ में इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के ऑफिस में जाकर 21 हजार रुपया का चेक दिया। इस दौरान इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के सचिव और प्रवक्ता अतहर हुसैन और ट्रस्टी मोहम्मद राशीद भी मौजूद थे। वहीं रोहित के इस दान को फांउडेशन से जुड़े लोग गंगा जमुनी तहजीब का उदहारण मान रहे हैं।