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एक अप्रैल से बंद हो जाएगी इन वाहनों की बिक्री, सड़कों पर चलेंगी सिर्फ इस तरह की गाड़ियां, आदेश जारी

locationलखनऊPublished: Feb 15, 2020 10:05:06 am

Submitted by:

Karishma Lalwani

– बढ़ते प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने अपनाया सख्त रुख
– 1 अप्रैल से बंद हो जाएगी बीएस-4 मानक वाले वाहनों की बिक्री
 

एक अप्रैल से बंद हो जाएगी इन वाहनों की बिक्री, सड़कों पर चलेंगी सिर्फ इस तरह की गाड़ियां, आदेश जारी

एक अप्रैल से बंद हो जाएगी इन वाहनों की बिक्री, सड़कों पर चलेंगी सिर्फ इस तरह की गाड़ियां, आदेश जारी

लखनऊ. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के निर्देश पर वाहन निर्माता कंपनियां अब केवल बीएस-6 इंजन वाले वाहनों की बिक्री और रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगी। वहीं, बीएस-4 इंजन वाले वाहनों की बिक्री 1 अप्रैल से बंद हो जाएगी। जानकारों का मानना है कि बीएस-4 वाले वाहन मानक के अनुरूप नहीं हैं। इस प्रकार के ईंधन से चलने वाले वाहनों से प्रदूषण अपेक्षा से ज्यादा बढ़ता है। ऐसे में 1 अप्रैल के बाद इन वाहनों की बिक्री पर रोक लगाई जाएगी। यानी कि बीएस-4 वाले वाहनों की बिक्री 31 मार्च तक ही की जा सकेगी।
ऑटोमोबाइल डीलरों ने सुप्रीम कोर्ट ने दायर की थी याचिका

बीएस-4 मानक वाले वाहनों की बिक्री बंद होने से ऑटोमोबाइल सेक्टर में बड़ा नुकसान हो सकता है। ऐसे में ऑटोमोबाइल डीलरों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर बीएस-4 मानक वाले वाहनों की बिक्री के लिए समयसीमा 31 मार्च से बढ़ाकर 30 अप्रैल करने की मांग की थी। लेकिन जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्ष्ता वाली पीठ ने फैसले में बदलाव से इंकार कर दिया।
क्या है बीएस-6

बीएस का मतलब है भारत स्टेज। इसका संबंध उत्सर्जन मानकों से है। बीएस-6 वाहनों में खास फिल्टर लगेंगे, जिससे 80-90% पीएम 2.5 जैसे कण रोके जा सकेंगे। नाइट्रोजन ऑक्साइड पर भी नियंत्रण लगेगा। जहरीली गैसों को रोकने के लिए 90 प्रतिशत तक खास फिल्टर लगाए जाएंगे। इससे पेट्रोल इंजन का नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्सर्जन 25 प्रतिशत और डीजल इंजन का उत्सर्जन 68 प्रतिशत तक कम होगा।
क्या फायदा होगा

बीएस-6 वाहन में हवा में प्रदूषण के कण 0.05 से घटकर 0.01 रह जाएंगे। यानी बीएस-6 वाहन व बीएस-6 पेट्रोल-डीजल होने पर प्रदूषण 75 प्रतिशत कम हो जाएगा।

बीएस 4 के मुकाबले कैसे अलग
बीएस 4 के मुकाबले बीएस 6 में प्रदूषण फैलाने वाले खतरनाक पदार्थ काफी कम होंगे। बीएस-4 और बीएस-3 ईंधन में सल्फर की मात्रा 50 पीपीएम होती है। बीएस 6 मानकों में यह घटकर 10 पीपीएम रह जाएगा, जिससे प्रदूषण कम होगा।
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