scriptशहरी बेघरों की दुर्दशा पर सुप्रीम कोर्ट की यूपी को फटकार | supreme court ordered for housing facility for poors in UP | Patrika News

शहरी बेघरों की दुर्दशा पर सुप्रीम कोर्ट की यूपी को फटकार

locationलखनऊPublished: Jan 11, 2018 05:32:32 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

कड़ाके की ठंड के मौसम में बेघरों के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ तल्ख टिप्पणी की है।

supreme court
लखनऊ. देश और प्रदेश में पड़ रही कड़ाके की ठंड के मौसम में बेघरों के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ तल्ख टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारी शहरी बेघरों और दीन दयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन यानी एनयूएलएलएम के सफल क्रियान्यवन में नाकाम रही है। जबकि, यूपी में यह योजना 2014 से चल रही है। उच्चतम न्यायालय ने सरकार के खिलाफ तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि आपकी मशीनरी नाकाम हो गयी है।
सर्दी के मौसम में लोग रजाई और कंबल से बाहर निकलने का नाम नहीं लेते। आम इंसान तो इस मौसम में अपनी बेसिक जरूरतें पूरी कर लेता है, लेकिन उन लोगों का क्या हाल हो रहा होगा, जो बेचारे बेघर हैं। वे खुली छत के नीचे ठिठुर रहे होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में नाराजगी जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने उप्र सरकार से जवाब मांगा है कि वह बेघरों के लिए क्या कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जल्द से जल्द बेघरों को सुविधा प्रदान की जाए।
योगी ने भी जाना था हाल

गौरतलब है कि अभी कुछ दिन पहले उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रैन बसेरों का हालचाल लिया था। आधा-अधूरा इंतजाम देख कर उन्होंने अधिकारियों को आदेश दिया था कि रैन बसेरों में कम्बल, रजाई और मोटे गद्दों की व्यव्स्था की जाए। किसी को सर्दी में परेशानी नहीं होनी चाहिए।
स्वंयसेवी संस्थाएं भी कर रहीं है? काम ??

सरकार के अलावा कई स्वंयसेवी संस्थाएं बेघरों के कल्याण के लिए काम कर रही हैं। वे ठंडक के मौसम में अलाव आदि जलाने के साथ ही कंबल व गर्म कपड़े वितरित कर रही हैं। लखनऊ की बदलाव संस्था के मैनेजर शरद पटेल कहते हैं कि बेघरों के लिए अलाव और शेल्टर होम की व्यवस्था उनकी जैसी तमाम संस्थाएं कर रही हैं।
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