सर्दी के मौसम में लोग रजाई और कंबल से बाहर निकलने का नाम नहीं लेते। आम इंसान तो इस मौसम में अपनी बेसिक जरूरतें पूरी कर लेता है, लेकिन उन लोगों का क्या हाल हो रहा होगा, जो बेचारे बेघर हैं। वे खुली छत के नीचे ठिठुर रहे होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में नाराजगी जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने उप्र सरकार से जवाब मांगा है कि वह बेघरों के लिए क्या कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जल्द से जल्द बेघरों को सुविधा प्रदान की जाए।
योगी ने भी जाना था हाल गौरतलब है कि अभी कुछ दिन पहले उप्र के मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ ने रैन बसेरों का हालचाल लिया था। आधा-अधूरा इंतजाम देख कर उन्होंने अधिकारियों को आदेश दिया था कि रैन बसेरों में कम्बल, रजाई और मोटे गद्दों की व्यव्स्था की जाए। किसी को सर्दी में परेशानी नहीं होनी चाहिए।
स्वंयसेवी संस्थाएं भी कर रहीं है? काम ?? सरकार के अलावा कई स्वंयसेवी संस्थाएं बेघरों के कल्याण के लिए काम कर रही हैं। वे ठंडक के मौसम में अलाव आदि जलाने के साथ ही कंबल व गर्म कपड़े वितरित कर रही हैं। लखनऊ की बदलाव संस्था के मैनेजर शरद पटेल कहते हैं कि बेघरों के लिए अलाव और शेल्टर होम की व्यवस्था उनकी जैसी तमाम संस्थाएं कर रही हैं।