दूसरा मामला गौरीगंज थाना क्षेत्र के बेलखौर गांव से जुड़ा है। जहां के रहने वाले जगदीश सहित अन्य के खिलाफ अभियोगी ने धारदार हथियार से हमला कर हत्या का प्रयास समेत अन्य गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया। इस मामले में अगले पक्ष की तरफ से छेड़खानी समेत अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज कराया गया था। मामले में आरोपी जगदीश की तरफ से प्रस्तुत जमानत अर्जी पर सत्र न्यायाधीश पीके जयंत ने खारिज कर दिया है।
तीसरा मामला कोतवाली नगर क्षेत्र से जुड़ा है। जहां पर हुई घटना का जिक्र करते हुए अभियोगिनी ने नौकरी दिलाने के नाम पर शारीरिक सम्बंध बनाने एवं मार्कशीट वापस करने के नाम पर घर बुलाकर सामूहिक दुष्कर्म करने के आरोप में जीजा-साले के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कराया। इस मामले में रियाज अहमद का नाम विवेचना के दौरान प्रकाश में लाया गया। जिसकी तरफ से प्रस्तुत जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने आरोपों को फर्जी एवं मनगढ़ंत बताया। वहीं अभियोजन पक्ष से शासकीय अधिवक्ता गोरखनाथ शुक्ल ने जमानत पर विरोध जताया। उभय पक्षों को सुनने के पश्चात स्पेशल जज एससी-एसटी एक्ट उत्कर्ष चतुर्वेदी ने आरोपी की जमानत खारिज कर दी।