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कोर्ट ने भाजपा नेता सुरेंद्र सिंह की हत्या पर सुनाया बड़ा फैसला, स्मृति ईरानी ने दिया था कंधा

locationलखनऊPublished: Oct 20, 2019 11:14:12 am

Submitted by:

Ruchi Sharma

कोर्ट ने भाजपा नेता सुरेंद्र सिंह की हत्या पर सुनाया बड़ा फैसला, स्मृति ईरानी ने दिया था कंधा

कोर्ट ने भाजपा नेता सुरेंद्र सिंह की हत्या पर सुनाया बड़ा फैसला, स्मृति ईरानी ने दिया था कंधा

कोर्ट ने भाजपा नेता सुरेंद्र सिंह की हत्या पर सुनाया बड़ा फैसला, स्मृति ईरानी ने दिया था कंधा

सुलतानपुर. भाजपा नेता की हत्या, गैंगरेप एवं हत्या के प्रयास के मामले में आरोपियों की तरफ से सम्बंधित अदालतों में जमानत अर्जी प्रस्तुत की गयी। जिस पर सुनवाई के पश्चात स्पेशल जज एससी-एसटी एक्ट उत्कर्ष चतुर्वेदी एवं एडीजे एकादश पीके जयंत की अदालत ने आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी।

पहला मामला जामों थाना क्षेत्र के अमरबोझा मजरे बरौलिया गांव से जुड़ा है। जहां के रहने वाले पूर्व प्रधान व भाजपा नेता सुरेन्द्र सिंह की बीते 25 मई की रात गोली मारकर हत्या कर दी गयी। हत्या के पीछे चुनावी रजिंश की वजह सामने आयी। भाजपा नेता की हत्या पर काफी बवाल भी हुआ। यहां तक कि अर्थी को कंधा देने के लिए केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भी भाजपा नेता के घर पहुंची। इस मामले में आरोपी वसीम, नसीम, धर्मनाथ गुप्ता व रामचन्द व गोलू सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। इस मामले में साजिश के आरोपी धर्मनाथ गुप्ता की तरफ से एडीजे एकादश की अदालत में प्रस्तुत जमानत अर्जी पर सुनवाई चली। उभय पक्षों को सुनने के पश्चात सत्र न्यायाधीश प्रदीप कुमार जयंत ने आरोपी की जमानत अर्जी खारिज कर दी।
दूसरा मामला गौरीगंज थाना क्षेत्र के बेलखौर गांव से जुड़ा है। जहां के रहने वाले जगदीश सहित अन्य के खिलाफ अभियोगी ने धारदार हथियार से हमला कर हत्या का प्रयास समेत अन्य गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया। इस मामले में अगले पक्ष की तरफ से छेड़खानी समेत अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज कराया गया था। मामले में आरोपी जगदीश की तरफ से प्रस्तुत जमानत अर्जी पर सत्र न्यायाधीश पीके जयंत ने खारिज कर दिया है।
तीसरा मामला कोतवाली नगर क्षेत्र से जुड़ा है। जहां पर हुई घटना का जिक्र करते हुए अभियोगिनी ने नौकरी दिलाने के नाम पर शारीरिक सम्बंध बनाने एवं मार्कशीट वापस करने के नाम पर घर बुलाकर सामूहिक दुष्कर्म करने के आरोप में जीजा-साले के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कराया। इस मामले में रियाज अहमद का नाम विवेचना के दौरान प्रकाश में लाया गया। जिसकी तरफ से प्रस्तुत जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने आरोपों को फर्जी एवं मनगढ़ंत बताया। वहीं अभियोजन पक्ष से शासकीय अधिवक्ता गोरखनाथ शुक्ल ने जमानत पर विरोध जताया। उभय पक्षों को सुनने के पश्चात स्पेशल जज एससी-एसटी एक्ट उत्कर्ष चतुर्वेदी ने आरोपी की जमानत खारिज कर दी।

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