गौरतलब है कि चिन्मयानंद को क्रोनिक डायरिया है। गिरफ्तारी से पहले भी चिन्मयानंद की तबीयत खराब हो गई थी। बाद में उन्हें शाहजहांपुर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। चिन्मयानंद (73) का उनके मुमुक्षु आश्रम में डॉक्टरों की एक टीम इलाज कर रही थी, जहां वे 13 सितंबर से नजरबंद हैं। चिन्मयानंद को बीते बुधवार को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया था।
स्वामी चिन्मयानंद शाहजहांपुर जिला कारागार में बंद हैं। कॉलेज की छात्रा द्वारा लगाए गए दुष्कर्म के आरोपों के आधार पर चिन्मयानंद लंबे इंतजार के बाद अब सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैं। एसआईटी ने स्वामी को शुक्रवार को उनके ही मजबूत किले यानि मुमुक्ष आश्रम से गिरफ्तार किया था।
जानिए कौन है चिन्मयानंद चिन्मयानंद (Swami Chinmayanand) ने लखनऊ विश्वविद्यालय से एमए की डिग्री हासिल की थी। स्वामी चिन्मयानंद का शाहजहांपुर में आश्रम भी है और वहां उनका एक लॉ कॉलेज भी है। अस्सी के दशक में चिन्मयानंद शाहजहांपुर आ गए और स्वामी धर्मानंद के शिष्य बनकर उन्हीं के आश्रम में रहने लगे। धर्मानंद के गुरु स्वामी शुकदेवानंद ने ही मुमुक्षु आश्रम की नींव रखी थी। अस्सी के दशक के आखिरी में देश में राम मंदिर आंदोलन जोर पकड़ रहा था। इस आंदोलन में चिन्मयानंद ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और भाजपा में शामिल होकर राजनीतिक सफर का आगाज किया। श्रीराम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य डॉ. रामविलास वेदांती ने बताया कि चिन्मयानंद राम मंदिर आंदोलन से जुड़े थे। वह अयाध्या आते-जाते रहते थे। यह सन् 1988 और 1990 के दौरान यह राम मंदिर के आंदोलन में हिस्सा लेते थे।