scriptस्वामी विवेकानंद का यूपी से था गहरा नाता, ऐसे हुई रामकृष्ण मिशन की शुरुआत | Swami vivekanand birthday ram krishna mission | Patrika News

स्वामी विवेकानंद का यूपी से था गहरा नाता, ऐसे हुई रामकृष्ण मिशन की शुरुआत

locationलखनऊPublished: Jan 12, 2018 01:33:55 pm

Submitted by:

Prashant Srivastava

देश भर में शुक्रवार को स्वामी विवेकानंद का जन्मदिन मनाया जा रहा है। उनका यूपी से भी गहरा नाता रहा है।

लखनऊ. देश भर में शुक्रवार को स्वामी विवेकानंद का जन्मदिन मनाया जा रहा है। उनका यूपी से भी गहरा नाता रहा है। उन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापना स्वामी विवेकानन्द ने 1 मई, 1897 में की थी। लखनऊ में रामकृष्‍ण मठ या सेवाश्रम, रामकृष्‍ण मठ और मिशन, बेलूर का हिस्‍सा है। यहां दो प्रमुख संस्‍थान है। पहली संस्‍था विवेकानंद पालीक्‍लीनिक नामक एक मल्‍टी स्‍पेशियलिटी अस्‍पताल है। इस अस्‍पताल परिसर में चिकित्‍सा सुविधा प्रदान करने के अलावा, आसपास के गांवों में भी स्‍वास्‍थ्‍य कार्यक्रमों को चलाया जाता है।
लखनऊ स्थित इस पॉलीक्‍लीनिक का उद्घाटन 1970 में मठ और मिशन के तत्‍कालीन अध्‍यक्ष स्‍वामी विरेश्‍वरानंद द्वारा किया गया था। इस अस्‍पताल परिसर के द्वार पर 14 फुट ऊंची कांस्‍य की स्‍वामी विवेकानंद की मूर्ति लगी हुई है जिसे प्रसिद्ध मूर्तिकार देवी प्रसाद राय चौधरी ने बनाया था। यह मूर्ति, सभी को प्रेरित करती है।
जानकार बताते हैं कि स्वामी का उद्देश्य ऐसे साधुओं और सन्यासियों को संगठित करना था, जो रामकृष्ण परमहंस की शिक्षाओं में गहरी आस्था रखें, उनके उपदेशों को जनसाधारण तक पहुंचा सकें और दु:खी एवं पीड़ित मानव जाति की नि:स्वार्थ सेवा कर सकें। मठ की स्थापना कोलकाता के पास बारानगर में की गई। उसके बाद वेलूर (कोलकत्ता) में मिशन की स्थापना की गई। मिशन का दूसरा मठ अल्मोड़ा में स्थापित किया गया। उस दौरान अल्मोड़ा भी यूपी में ही आता था।
मानव हित के लिए रामकृष्ण देव ने जिन सब तत्वों की व्याख्या की है तथा कार्य रूप में उनके जीवन में जो तत्व प्रतिपादित हुए हैं, उनका प्रचार तथा मनुष्य की शारीरिक, मानसिक एवं पारमार्थिक उन्नति के लिए जिस प्रकार सब तत्वों का प्रयोग हो सके, उन विषयों में सहायता करना, इस संघ का उद्देश्य था। इस प्रकार के संगठन द्वारा वे वेदान्त दर्शन के तत्वमसि सिद्धान्त को व्यावहारिक रूप देना चाहते थे।
रामकृष्ण मिशन के तहत इसकी संस्था द्वारा स्कूल, कॉलेज और अस्पताल चलाये जाते हैं और कृषि, कला एवं शिल्प के प्रशिक्षण के साथ-साथ पुस्तकें एवं पत्रिकाएं भी प्रकाशित होती हैं। इसकी शाखाएं समस्त भारत तथा विदेशों में हैं। इस संस्था ने भारत के वेदान्तशास्त्र का संदेश पाश्चात्य देशों तक प्रसारित करने के साथ ही भारतीयों की दशा सुधारने की दिशा में भी प्रशंसनीय कार्य किया है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो