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धूम-धाम से मना बक्शी दीदी का शताब्दी वर्ष समारोह, 100वें जन्मदिन पर जानें क्या तोहफा चाहती हैं

locationलखनऊPublished: Jul 22, 2018 06:34:11 pm

Submitted by:

Prashant Srivastava

यूपी की पूर्व शिक्षा मंत्री व गांधी परिवार की करीबी माने जाने वाली स्वरूप कुमार बख्शी अगले साल अपना 100वां जन्मदिन मनाएंगी।

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धूम-धाम से मना बख्शी दीदी का शताब्दी वर्ष समारोह, 100वें जन्मदिन पर जानें क्या तोहफ चाहती हैं

लखनऊ. यूपी की पूर्व शिक्षा मंत्री व गांधी परिवार की करीबी माने जाने वाली स्वरूप कुमार बक्शी अगले साल अपना 100वां जन्मदिन मनाएंगी। उनकी इच्छा है कि वे अपने 100वें जन्मदिन के मौके पर देश को अभी से ज्यादा ऊर्जावान और अभी से ज्यादा विकसित देखें। यही उनका जन्मदिन का तोहफा होगा। इसके अलावा उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से भी काफी उम्मीदें। उन्होंने ये भी कहा कि राहुल गांधी कांग्रेस को फिर खड़ा कर देंगे। अगले लोकसभा चुनाव में वे जरूर कामयाब होंगे। बता दें कि शनिवार को राजधानी में अवध गर्ल्स डिग्री कॉलेज, कादम्बिनी क्लब और भारतीय लेखिका परिषद की ओर से स्वरूप कुमारी बक्शी का शताब्दी वर्ष समारोह मनाया गया।
मनाया गया समारोह

स्वरूप कुमार बख्शी प्यार से लोग बख्शी दीदी भी कहते हैं। अवध गर्ल्स पीजी कॉलेज में आयोजित शताब्दी वर्ष समारोह की गवाह बक्शी दीदी की तीन पीढ़ियां बनीं। उनकी बेटी ऊषा मालवीय और नातिन गौरी मालवीय ने दीदी से जुड़ी ढेर सारी बातें वहां मौजूद लोगों को बतायीं। इस अवसर पर बक्शी दीदी काफी खुश दिखीं। अवध गर्ल्स पीजी कॉलेज में शनिवार को शहर की गौरव बक्शी दीदी का शताब्दी वर्ष समारोह मनाया गया। इस अवसर पर केक काटा गया और खुशी के गीत भी गाये गये। समारोह में दीदी व्यक्तित्व, स्वतंत्रता आंदोलनों में उनके योगदान, उनके लेखन और समाज व खासकर नारी शिक्षा को लेकर उनके कार्यों पर चर्चा हुई।
नेहरू ने भेजी थी साड़ी

अपने पुराने जन्मदिनों को याद करते हुए उन्होंने बताया कि एक बार जन्मदिन पर उन्हें पंडित जवाहरलाल नेहरू ने साड़ी भेजी थी। उन्हें गांधी परिवार का करीबी माना जाता है। कहा जाता है कि इंदिरा गांधी उन पर इतना भरोसा करती थीं कि रायबरेली-अमेठी में कांग्रेस को जिताने की जिम्मेदारी स्वरूप कुमारी बक्शी को ही दे रखी थी। इंदिरा के बाद जब राजीव गांधी चुनाव लड़ने आए अमेठी आए तो ऊषा मालवीय ने अपनी मां के साथ अमेठी में कई दिन बिताए। ऊषा ने बताया कि इस दौरान उन लोगों तिलोई समेत अमेठी के कई इलाकों में दिन-रात कैंपनिंग की। वो चुनाव कांग्रेस के लिए बेहद महत्वपूर्ण था।
फिट हैं ‘दीदी’

बक्शी दीदी 99 की उम्र में भी फिट हैं। इसका राज वह खुद अपनी जिंदादिली को बताती हैं। वे सुबह उठकर कुछ देर योगा जरूर करती हैं, खाना सादा खाती हैं। पूजा में उनका मन खूब लगता है, और शाम को चंद कदम ही सही, टहलती जरूर हैं। अब लिखना तो नहीं हो पाता लेकिन जो लिख चुकी हैं उसे प्रकाशित कराने की तैयारी कर रही हैं। रचनाओं के संपादन कार्य में उनकी बेटी भी सहयोग कर रही हैं। उनकी नातिन गौरी मालवीय ने बताया कि उनके लिए उनकी नानी ही सबसे बड़ी प्रेरणास्त्रोत हैं। इस उम्र में भी वे बेहद पॉजिटिव रहती हैं।
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शांत स्वभाव के हैं राहुल गांधी

स्वरूप कुमारी बख्शी के मुताबिक राहुल में राजीव गांधी की छाप दिखती है। वह भी उन्हीं की तरह शांत स्वभाव के व्यक्ति हैं। वह केंद्र व यूपी में कांग्रेस की वापसी कराने में कामयाब रहेंगे। स्वरूप कुमारी बख्शी को नेहरू-गांधी परिवार का खास माना जाता रहा है। वह लखनऊ पूर्वी से चार बार विधायक बनीं। वहीं यूपी कैबिनेट में मंत्री भी रहीं। जब वह शिक्षा मंत्री थीं उसी दौरान राजधानी में भीम राव अंबेडकर सेंट्रल यूनिवर्सिटी की नींव रखी गई।
आजादी के लिए गईं थी जेल

स्वरूप कुमारी बख्शी की उम्र भले ही 99 बरस हो गई हो लेकिन उन्हें आज भी कांग्रेस से जुड़ी हर बात याद है। वह साल 1929 में महज 11 साल की उम्र में अपने परिवार के साथ कांग्रेस में शामिल हुईं। साल 1929 में वह अपने परिवार के कांग्रेस के लाहौर सेशन में हिस्सा लेनें भी गईं थीं। साल 1942 में कांग्रेस के बॉम्बे सेशन में भी हिस्सा लेने वह पहुंचीं थी। इसके बाद उन्होंने देश को आजादी दिलाने के लिए आंदोलन शुरू किया। उस दौरान लखनऊ में उनकी गिरफ्तारी भी हुईं। वह लगभग 21 दिन जेल में रहीं। साल 1947 में मिली आजादी के बाद स्वरूप कुमारी बख्शी का कांग्रेस में कद बढ़ गया।

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