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रहस्यमयी बुखार बना आफत, स्वाइन फ्लू की भी दस्तक

locationलखनऊPublished: Sep 13, 2018 01:25:38 pm

Submitted by:

Prashant Srivastava

रहस्यमयी बुखार बना आफत, स्वाइन फ्लू की भी दस्तक..लखनऊ में स्वाइन फ्लू से हुई मौत

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रहस्यमयी बुखार बना आफत, स्वाइन फ्लू की भी दस्तक

लखनऊ. एक तरफ प्रदेश के कई जिलों में रहस्यमयी बुखार आफत बनता जा रहा है तो दूसरी ओर स्वाइन फ्लू ने भी दस्त दे दी है। गुरुवार को राजधानी स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में स्वाइन फ्लू से पीड़ित एक युवक की मौत हो गई। लखीमपुर के रहने वाले इस युवक को तीन दिन पहले ही मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था। वहीं दूसरी तरफ मेडिकल कॉलेज में सीतापुर, लखीमपुर व आस-पास के जिलों से रहस्मयी बुखार के भी कई पीड़ित भर्ती हैं। बरेली, बदायूं, सीतापुर, लखीमपुर इस बुखार से पीड़िता हैं। अब तक 100 से ज्यादा लोगों की मौत इस कारण हो चुकी है। शामली के झिंझाना क्षेत्र के गांव हसनपुर में बुखार से एक साथ करीब 200 लोगों के बीमार हो गए।
सीतापुर में फैला रहस्यमयी बुखार

सीतापुर जिले में रहस्यमयी बुखार आफत बन चुका है। ग्रस्त इलाकों के अलावा दूरदराज इलाकों में भी लोग संक्रामक रोगों से पीड़ित बताए जा रहे हैं. यही हाल सीतापुर सिटी और उसके आसपास इलाकों में भी देखा गया है, जहां लोग विषाणु और जीवाणु जनित रोगों के प्रकोप से बुखार और डायरिया से परेशान होकर अस्पताल की ओर रुख कर रहें हैं। रिपोर्ट के मुताबिक सीतापुर जिला अस्पताल में अब तक इस बुखार से पीड़ित कुल 23 बच्चे भर्ती किए है, जिनमें से 2 बच्चों की मौत हो चुकी है. आरोप है कि स्वास्थ्य महकमे की लापरवाही से संक्रामक रोग पूरे इलाके में फैल गया है और अगर समय रहते इलाकों में दवाईयों का छिड़काव और पीड़ित मरीजों को दवाईयां वितरित की जाती तो संक्रामक रोगों को फैलने से रोका जा सकता था।
बच्चों पर कहर बना बुखार

मौसम का कहर बच्चों पर शुुरू हो चुका है। बच्चे तमाम संक्रामक रोगों की चपेट में आने लगे हैं, जिससे चिल्ड्रन वार्ड में पिछले 48 घंटों में बुखार पीड़ित 12 बच्चे भर्ती हुए। इसमें से एक में एईएस की संभावना लगने पर उसे मेडिकल कॉलेज लखनऊ के लिए रेफर कर दिया गया।पलिया के पतवारा निवासी राम आसरे ने सात वर्षीय पुत्र आशीष, खीरी के होलापुरवा निवासी सकटू ने पांच वर्षीय पुत्री काजल, गोला के शिवपुरी निवासी रामप्रताप ने 12 वर्षीय पुत्र विवेक, नौरंगाबाद निवासी खुर्शीद ने दो वर्षीय पुत्र फाजिल, धौरहरा निवासी विश्राम ने सात माह के पुत्र हिमांशू, लालजीपुरवा निवासी साबिर ने आठ वर्षीय पुत्री रूकसार, मितौली के लक्ष्मननगर निवासी आठ वर्षीय पुत्री दीपा, धौरहरा के केशवापुर निवासी देवारीलाल के 12 वर्षीय पुत्र शिवम, फूलबेहड़ के अचलापुर निवासी रामकुमार ने आठ वर्षीय पुत्र अरुण, इस्लामनगर निवासी मुनव्वर ने दो वर्षीय पुत्री फलक, गोला के चौरठिया निवासी राम भरोसे की 12 वर्षीय पुत्री राधा को बुखार आने पर चिल्ड्रन वार्ड में भर्ती कराया गया। इसमें सात वर्षीय आशीष में एईएस की संभावना लगने पर उसे लखनऊ रेफर दिया गया। वहीं शामली के झिंझाना क्षेत्र के गांव हसनपुर में बुखार से एक साथ करीब 200 लोगों के बीमार हो गए।
बरेली-बदायूं सबसे ज्यादा चपेट में

बरेली और उसके आसपास के जिलों में फैले रहस्यमयी बुखार के कहर से अब तक कुल 100 से अधिक लोगों की मौत की खबर है। रिपोर्ट के मुताबिक अकेले बरेली जिले में 100 से अधिक लोग रहस्यमयी बुखार की चपेट में आकर काल के गाल में समा गए हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने जिले में सिर्फ 19 लोगों की मौत की बात स्वीकार की है। विभाग ने गांवों में कैम्प लगाकर मरीजों को दवा देने का दावा किया है, लेकिन जिला अस्पताल के विभिन्न वार्डो में भर्ती मरीज बुखार पीड़ित हालात की असली कहानी बयां कर रहे हैं।गौरतलब है बरसात के बाद से बरेली जिले में रहस्यमयी बुखार का प्रकोप चल रहा है और इसका सबसे बुरा असर देहात क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है, जहां हजारों लोग बुखार की चपेट में हैं। हालांकि बरेली में बुखार से मौतों पर स्वास्थ्य मंत्री सिद्दार्थ नाथ सिंह ने जिला मलेरिया अधिकारी समेत 4 को निलंबित किया था।
स्वाइन फ्लू के साथ पेशेंट को हार्ट की भी दिक्कत थी। काफी गंभीर हालत में पेशेंट को लाया गया था। डॉक्टरों ने मरीज का बेहतर इलाज करके बचाने की कोशिश की लेकिन मरीज को बचाया न जा सका। इसके अलावा जो भी पेशंट बुखार या किसी भी बीमारी से संबंधित भर्ती हैं उनका इलाज ठीक तरह से हो रहा है
– डॉ. संतोष कुमार,मीडिया प्रभारी, केजीएमयू

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