डेंगू से बचने के लिए घर व आस-पास पानी न इकठ्ठा होने दें। पूरी बांह के कपड़े पहनें। मच्छररोधी क्रीम लगायें । फ्रिज और ग़मलों की ट्रे, पुराने टायर, बर्तन और कूलर की नियमित रूप से सफाई करें । कूलर सप्ताह में एक बार साफ़ कर सुखाएं और उसके बाद ही प्रयोग करें । खिड़की – दरवाजों में जाली का प्रयोग करें।
वायरल बुखार मुख्यत बदलते मौसम के कारण होता है। शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत कर हम इससे बच सकते हैं। वायरल बुखार के मुख्य लक्षण हैं- खांसी, जुकाम, गले में दर्द, बुखार, जोड़ों में दर्द, उल्टी तथा दस्त, जबकि मलेरिया में सर्दी और कंपकपी के साथ में बुखार आता है। तेज बुखार और सिर दर्द होता है । बुखार उतरने पर पसीना आता है। कमजोरी महसूस होने के साथ उल्टी आ सकती है । बुखार होने पर सिर्फ और सिर्फ पैरासिटामोल का प्रयोग कर सकते हैं, लेकिन कोशिश यही रहे कि चिकित्सक की सलाह पर ही किसी दवा का सेवन करें । स्वयं कोई इलाज न करें, किसी प्रशिक्षित चिकित्सक से ही इलाज कराएं । मरीज को पास के स्वास्थ्य केंद्र पर लेकर जाएँ।
डा. देवेन्द्र सिंह बताते हैंकि बच्चों को बारिश में न भीगने दें और यह सुनिश्चित करें कि वह गीले कपड़े न पहने । ठंडा पानी, आइसक्रीम या अन्य ठन्डे खाद्य पदार्थ बच्चे को न खाने दें। घर का ताजा व अच्छे से पका हुआ खाना खिलाएं । रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले फल व सब्जियों का सेवन करें। बाहर के खाने से परहेज करें । इन सबके साथ इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि बेवजह घर से बाहर न निकलें । अगर घर से निकलते हैं तो मास्क अवश्य लगायें। सार्वजनिक स्थानों पर दो गज की दूरी बनाकर रखें। बार-बार चेहरे को न छुएं। हाथों को साबुन और पानी से धोते रहें , बच्चे को फुल आस्तीन के कपड़े पहनाएं। बच्चे में कोरोना से बचाव के प्रोटोकॉल का पालन करना सुनिश्चित कराएं।