scriptदो हफ्ते से खांसी-बुखार हो, वजन घट रहा हो तो जरूर कराएँ जाँच, जानिए इसके बारे में | Take special precautions to protect against TB | Patrika News

दो हफ्ते से खांसी-बुखार हो, वजन घट रहा हो तो जरूर कराएँ जाँच, जानिए इसके बारे में

locationलखनऊPublished: Feb 25, 2021 08:05:15 pm

Submitted by:

Ritesh Singh

प्रतिरोधक क्षमता कम होने का चलते आसानी से आ सकते हैं चपेट में

दो हफ्ते से खांसी-बुखार हो, वजन घट रहा हो तो जरूर कराएँ जाँच, जानिए इसके बारे में

दो हफ्ते से खांसी-बुखार हो, वजन घट रहा हो तो जरूर कराएँ जाँच, जानिए इसके बारे में

लखनऊ, (Tuberculosis) टीबी यानि क्षय रोग नाखून और बालों को छोड़कर शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकती है। इसके अलावा यह किसी भी आयु वर्ग को प्रभावित कर सकती है लेकिन बच्चों में इसका खतरा ज्यादा होता है क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम होती है। यह कहना है जिला क्षय रोग अधिकारी डा. ए.के.चौधरी का। डा. चौधरी का कहना है कि (Tuberculosis) बच्चों को टीबी से बचाने के लिए खास सतर्कता बरतनी चाहिए , लक्षण नजर आने पर जांच में देरी नहीं करनी चाहिए। बच्चों को दिक्कतें तो होती हैं लेकिन वह बता नहीं पाते हैं। (Tuberculosis) इसलिए अभिभावकों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि दो हफ्ते या उससे ज्यादा समय से खांसी आ रही हो, बच्चे के वजन में पिछले तीन माह से लगातार कमी आ रही हो या वजन न बढ़ रहा हो , रात में पसीना आये और शाम के समय बुखार आ रहा हो तो चिकित्सक को अवश्य दिखाएं ।
(Tuberculosis) डा. चौधरी बताते हैं कि बच्चों में टीबी की पहचान आसानी से नहीं हो पाती है । उनका कहना है- अधिकांशतः पल्मोनरी टीबी होती है लेकिन पेट की टीबी, ब्रेन टीबी, फेफड़ों की टीबी,बोन टीबी और अन्य अंगों में भी टीबी हो सकती है। (Tuberculosis) जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया-टीबी रोगियों की खोज के दौरान यदि किसी परिवार में टीबी का मरीज मिलता है और साथ में परिवार में छोटा बच्चा है तो ऐसे में बच्चे की भी टीबी की जाँच की जाती है और यदि वह संक्रमित होता है तो उसका इलाज भी शुरू कर दिया जाता है। इसके साथ ही इलाज के दौरान उचित पोषण के लिए 500 रूपये प्रतिमाह उसके खाते में सीधे स्थानांतरित कर दिए जाते हैं।
(Tuberculosis) डॉ. चौधरी का कहना है- यदि बच्चे की आयु छह वर्ष से कम की है और जांच में वह संक्रमित नहीं पाया जाता है तो ऐसे में टीबी के बचाव के लिए उसे आईपीटी (आइसोनियाजिड प्रिवेंटिव थेरेपी) दी जाती है। इसके तहत आईएनएच (आइसोनिकोटिनिक एसिड हाईड्राजाइड) की टेबलेट दी जाती है। 12 साल से कम आयु के बच्चों में बलगम नहीं बनता है बच्चे की केस हिस्ट्री और कांटेक्ट ट्रेसिंग के अनुसार उसका पेट से सैंपल (गेस्ट्रिक लवाज) जांच के आधार पर ही टीबी का पता लगाया जाता है।
(Tuberculosis) सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाईजर अभय चन्द्र मित्रा बताते हैं कि कुपोषित बच्चों में टीबी होने की आशंका ज्यादा होती है। साथ ही ऐसे बच्चे जो कैंसर, एचआईवी डायबिटीज या अन्य प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करने वाले रोगों से प्रभावित हैं तो उनमें टीबी का संक्रमण होने की सम्भावना अधिक होती है। (Tuberculosis) इसके अलावा ऐसे बच्चे जिनकी माताएँ गर्भावस्था के दौरान टीबी से संक्रमित रही हों। जिला कार्यक्रम समन्वयक दिलशाद हुसैन बताते हैंकि वर्तमान में जिले में शून्य से 14 वर्ष से कम आयु के 175 बच्चे टीबी से ग्रसित हैं।
क्या होता है क्षय (टीबी) रोग

टीबी माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस बैक्टीरिया के कारण होता है | यह संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से फैलता है। जब संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है तो टीबी के जीवाणु हवा में फ़ैल जाते हैं। संक्रमित हवा में सांस लेने से स्वस्थ व्यक्ति या बच्चे भी टीबी से संक्रमित हो सकते हैं।
//?feature=oembed
https://youtu.be/rJ1i7Uap_pw
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो