मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत अध्यात्म का केन्द्र है। धार्मिक स्थलों का विकास करने से जहां एक ओर आस्था का सम्मान होगा वहीं दूसरी ओर युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। श्रद्धालुओं को ऐसे धार्मिक स्थल पर जनसुविधाएं मिलेंगी तो वे बड़ी संख्या में आयेंगे। पर्यटक भी आकर्षित होंगे। इससे क्षेत्र का विकास होगा तथा रोजगार के अवसर बढे़ंगे। उन्होेंने कहा कि इस वर्ष 15 जनवरी से 04 मार्च तक प्रयागराज में कुम्भ का सफल आयोजन किया गया, जिसमें 24 करोड़ श्रद्धालु आये।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर राष्ट्रीय राजमार्ग 28 से तपसीधाम आश्रम तक जाने वाली सड़क के चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण कार्य तथा राष्ट्रीय राजमार्ग 28 पर भदावल से तपसीधाम होते हुए जगदीशपुर मार्ग के मध्य 3ग18.75 मीटर के लद्यु सेतु, पहुंच मार्ग, अतिरिक्त पहुंच मार्ग के सुधारात्मक कार्य का शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि सड़क एवं पुल निर्माण से श्रद्धालुओं के आने-जाने में सुविधा होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अवस्थापना सम्बन्धी सुविधा बढ़ाने के साथ-साथ जनकल्याणकारी कार्यक्रमों तथा स्वास्थ्य सुविधाओं मंे वृद्धि के लिए भी कार्य कर रही है। जनपद बस्ती महर्षि वशिष्ठ की तपोस्थली है। इसलिए यहां महर्षि वशिष्ठ के नाम पर मेडिकल काॅलेज स्थापित किया गया है। इस मेडिकल काॅलेज में इस सत्र से पढ़ायी शुरू हो गयी है। मुण्डेरवा चीनी मिल इस वर्ष अक्टूबर माह से गन्ना की पेराई शुरू कर देगी, जिसमें 50 हजार कुन्तल गन्ना प्रतिदिन पेराई होगी। इससे किसानों को आर्थिक स्थिति में सुधार आयेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मठ एवं मन्दिर को लोक कल्याण का कार्य करना चाहिए। उन्होंने बन्दा बैरागी तथा स्वामी विवेकानन्द का उदाहरण देते हुए कहा कि देश की सुरक्षा और लोक कल्याण के लिए इन्होंने अपना जीवन होम कर दिया। तपसीधाम द्वारा राष्ट्रीय एकता और अखण्डता को सुदृढ़ करने के लिए सराहनीय कार्य किए जा रहे हैं। यहां तीन दिवसीय स्वाधीनता दिवस समारोह आयोजित किया जाता है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों से आए लोग राष्ट्रीय एकता और अखण्डता का संकल्प लेते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तपसीधाम आश्रम में तपसी महाराज की भविष्यवाणी के अनुरूप वर्तमान महन्त जयबख्श दास ने काशी से लाकर ज्योर्तिलिंग की स्थापना की है, इसके लिए वे साधूवाद के पात्र है। यह शिवलिंग भव्य एवं दिव्य है। इसके पूर्व, उन्होेंने पूजा-अर्चना करके शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा की। उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित करके समारोह का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने चन्दन का पौधा रोपित किया तथा साधू-सन्तों के साथ प्रसाद भी ग्रहण किया। सन्त समागम को अयोध्या से आये महन्त कन्हैयादास तथा महन्त अवधेश जी महाराज, सांसद श्री हरीश द्विवेदी, विधायक हर्रैया श्री अजय सिंह ने भी सम्बोधित किया।