स्थानीय नेता अपनी राजनैतिक रोटियां सेकते हैं , आरोप , प्रत्यारोप , जातीय संघर्ष चरम पर पहुंचता है ,आरोपी गिरफ्तार होता है लेकिन फिर छूट जाता है और अंत में जिसकी बेटी के साथ रेप की कोशिश के खिलाफ ये संघर्ष छिड़ता है वही थाने पहुंच जाता है…
फिल्म का निर्देशन प्रसिद्ध वृत्तचित्र निर्देशक नीलम सिंह ने किया है। लोक संगीत को प्राथमिकता दी गई जिसे अपने संगीत से नवाजा है मनोज नयन ने , गीत लिखे हैं हिट गीत पिया बसंती के सर्जक राकेश निराला ने , संवाद और स्क्रीन प्ले धर्मेन्द्र वी सिंह का है ,सिनेमेटोग्राफी सुकुमार जटानिया की है ,सम्पादन सुनील यादव ने किया है , क्रिएटिव सलाहकार अशोक पुरंग हैं और फिल्म के कार्यकारी निर्माता अरुण शेखर हैं , फिल्म को निर्माण मिमेसिस मीडिया ने किया है।