scriptबांझपन का एक प्रमुख कारण है टीबी : डॉ. जैसवार | TB is a major cause of infertility: Dr. Jaswar | Patrika News

बांझपन का एक प्रमुख कारण है टीबी : डॉ. जैसवार

locationलखनऊPublished: Mar 05, 2021 07:08:03 pm

Submitted by:

Ritesh Singh

बालों व नाख़ून को छोड़कर किसी भी अंग को प्रभावित कर सकती है टीबी

बांझपन का एक प्रमुख कारण है टीबी : डॉ. जैसवार 

बांझपन का एक प्रमुख कारण है टीबी : डॉ. जैसवार 

लखनऊ, टीबी यानि क्षय रोग बालों और नाखूनों को छोड़कर शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकता है। अधिकतर लोग पल्मोनरी यानी फेफड़ों की टीबी के बारे में ही जानते हैं लेकिन जब यह प्रजनन मार्ग में पहुंचकर उसे हानि पहुंचाती है तो जननांगों की टीबी हो जाती है। इसे जेनाईटल या पेल्विक टीबी भी कहते हैं। इस रोग से महिला की ओवरी, जननांग और सर्विक्स प्रभावित होते हैं। क्षय रोग प्रायः फेफड़ों को ही प्रभावित करता है लेकिन लापरवाही के कारण खून के द्वारा शरीर के दूसरे अंगों को भी प्रभावित करता है। इसी क्रम में जब टीबी के बैक्टीरिया जननांगों में पहुँच जाते हैं तो पेल्विक टीबी हो जाती है।
क्वीन मेरी अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षिका डा. एस.पी. जैसवार बताती हैं । पेल्विक टीबी सबसे ज्यादा फेलोपियन ट्यूब को नुकसान पहुंचाती है। क्षय रोग के संक्रमण में फेलोपियन ट्यूब में पानी भर जाता है और ट्यूब बंद हो जाती है । इस कारण माहवारी के समय अनेक दिक्कतें आती हैं। संक्रमण के कारण गर्भाशय के अन्दर की परत बहुत पतली हो जाती है जिससे भ्रूण के विकसित होने में भी मुश्किल हो जाती है । इस स्थिति में माँ बनना मुश्किल हो जाता है, इसलिए टीबी बांझपन का एक मुख्य कारण भी होती है | टीबी के कुल केसों में जननांग या पेल्विक टीबी के 10-20 फीसदी केस होते हैं जबकि बाँझपन के मुख्य कारणों में 60 से 70 फीसद कारण क्षय रोग होता है।
डा. जैसवार के अनुसार अगर किसी महिला को हर समय हल्का बुखार रहे , पेट के निचले हिस्से में या सेक्स के बाद दर्द हो, थकावट रहना, अनियमित माहवारी, योनि से बदबूदार स्राव, गर्भ न ठहर रहा हो, जननांगों में संक्रमण हो, माहवारी के दौरान अधिक रक्तस्राव हो जो कि सामान्य एंटीबायोटिक्स से ठीक न हो या महिला में आईवीएफ के बाद भी गर्भपात हो जाये तो यह पेल्विक टीबी के लक्षण हो सकते हैं, ऐसे में चिकित्सक को अवश्य दिखाएँ । सीबीनॉट, अल्ट्रा साउंड आदि जांचों से टीबी का पता लगाया जाता है।
डा. जैसवार बताती हैं -इस रोग की पहचान के बाद टीबी का इलाज चलता है जिसकी अवधि 6 से 9 माह होती है। नियमित रूप से दवाओं का सेवन करने से यह बीमारी पूरी तरह से ठीक हो जाती है । यह बात ध्यान देने योग्य है कि टीबी का इलाज बीच में नहीं छोड़ा जाता है। दवाओं के साथ आयरन, प्रोटीन , कैल्शियम और विटामिन युक्त पौष्टिक भोजन का सेवन जरूर करना चाहिए । फल और दूध का सेवन नियमित रूप से करें। 7 से 8 गिलास पानी रोज पियें यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालते हैं ।
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