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स्टेशन पर किशोर चलाते हैं भीख मांगने का गैंग, बंटवारे के दौरान चल जाते हैं आपस में लात-घूंसे

locationलखनऊPublished: Oct 02, 2017 11:04:05 am

Submitted by:

Laxmi Narayan

भीख मांगने वाले इन किशोरों ने एक समूह बना रखा है और एक निर्धारित समय के बाद इकट्ठे बैठकर एक दूसरे को हिसाब देते हैं और बंटवारा करते हैं।

Lucknow Railway News
लखनऊ. जिस उम्र में बच्चे और किशोर स्कूल जाते हैं, उस उम्र में वे भीख मांगे और खतरनाक नशे की गिरफ्त में आ जाएं तो उनकी जवानी और उनके भविष्य का आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है। बच्चों और किशोरों को देश का भविष्य कहा जाता है लेकिन इनके लिए संचालित हो रही योजनाओं की हकीकत उस समय दिखाई देती है जब रेलवे स्टेशनों, बस स्टेशनों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर ये भीख मांगते और नशा करते दिखाई दे जाते हैं। पत्रिका ने बच्चों और किशोरों में भीख मांगने की प्रवृत्ति की हकीकत परखने के लिए लखनऊ रेलवे स्टेशन का जायजा लिया तो चौकाने वाली तस्वीर देखने को मिली।
रेलवे के फुट ओवर ब्रिज पर लगता है जमावड़ा

लखनऊ स्थित चारबाग रेलवे स्टेशन के बाहर से स्टेशन के दूसरी ओर जाने वाले उपरिगामी पुल पर ऊपर चढ़ते ही किनारे पांच-छह किशोर बैठे दिखाई देते हैं। इनमें से कुछ के हाथ में झाड़ू दिखाई देता है जबकि कुछ हाथ में रुमाल लिए नशीला पदार्थ सूंघते दिखाई देते हैं। दस से पंद्रह साल की उम्र के इन किशोरों की भीड़ के बीच बहुत सारे सिक्के फैले दिखाई देते हैं। इनमें से दो किशोर सिक्के गिनते दिखाई देते हैं। इसी बीच सिक्के गिनने के दौरान दो किशोरों के बीच कहासुनी होती है और देखते ही देखते वे एक दूसरे के साथ मारपीट शुरू कर देते हैं। इस दौरान भीड़ में से एक किशोर बीच-बचाव कर झगड़ा शांत कराता है।
जिम्मेदार विभागों और अफसरों को नहीं है परवाह

सिक्का बांटने बैठे ये किशोर दरअसल झाड़ू लेकर ट्रेनों में सवार होते हैं और ट्रेनों में झाड़ू लगाकर भीख मांगने का काम करते हैं। इनके से कुछ ऐसे भी हैं जो खुद को बेसहारा बताकर भीख मांगने का काम करते हैं। भीख मांगने वाले इन किशोरों ने एक समूह बना रखा है और एक निर्धारित समय के बाद इकट्ठे बैठकर एक दूसरे को हिसाब देते हैं और बंटवारा करते हैं। हैरत की बात यह है कि रेलवे के भारी-भरकम सुरक्षा इंतजामों और किशोरों के पुनर्वास की तमाम सरकारी योजनाओं के बीच ये बच्चे किसी गैंग की तरह अपने काम को अंजाम दे रहे हैं और इन पर किसी की नजर तक नहीं जा रही।
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