दूरसंचार विभाग नहीं जारी करता है अनापत्ति प्रमाण-पत्र इस जालसाजी की सूचना मिलने पर भारत दूरसंचार विभाग ने चेतावनी जारी की है। विभाग ने कहाकि, दूरसंचार विभाग की मोबाइल टॉवर संस्थापित करने के लिए परिसर को पट्टे/किराए पर लेने या इस प्रयोजनार्थ ‘अनापत्ति प्रमाण-पत्र’ जारी करने के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष किसी भी रूप में कोई भूमिका नहीं होती है। किसी दूरसंचार सेवा प्रदाता या अवसंरचना प्रदाता (आईपी-1) अपने लाइसेंस/पंजीकरण शर्तों के अनुसार मोबाइल टॉवर संस्थापित कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें
नोएडा मेट्रो की नई सुविधा अब मेट्रो में सेलिब्रेट कर सकते हैं अपना बर्थडे, जानें कैसे करें बुकिंग कितना होगा खर्च
दूरसंचार विभाग वेबसाइट देखें दूरसंचार सेवा प्रदाताओं और अवसंरचना सेवा प्रदाताओं की अद्यतन सूची दूरसंचार विभाग की वेबसाइट www.dot.gov.in पर उपलब्ध है। विभाग जनता को सचेत करते हुए कहाकि, किसी कम्पनर के टॉवर लगने की पेशकश पर विचार करने से पहले वे दूरसंचार विभाग की वेबसाइट से दूरसंचार सेवा प्रदाताओं/अवसंरचना सेवा प्रदाताओं की सत्यता की जांच कर लें। यह भी पढ़ें
यूपी में एक जुलाई से लगेंगे 4जी स्मार्ट प्रीपेड मीटर, बिजली उपभोक्ता हो जाएं अलर्ट
कम्पनी के कागजों की जांच करें दूरसंचार विभाग, भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा मोबाइल टॉवर लगाने के सम्बन्ध में समय-समय पर राज्य सरकार को आवश्यक निर्देश जारी किया जाता है। इसके बाद राज्य सरकार के स्वायत्त शासन विभाग के अधीन आने वाले स्थानीय निकाय (नगर निगम, नगर परिषद एवं नगर पालिका) व ग्राम पंचायत अपने क्षेत्र में लगने वाले नये मोबाइल टॉवर के लिए आपत्ति/अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी करते हैं। यदि कोई कंपनी/एजेंसी/व्यक्ति टॉवर के वास्तविक संस्थापन से पहले अग्रिम या आवेदन शुल्क या किसी भी रूप में धन की मांग करता है तो जनता को सचेत किया जाता है कि वे ऐसे मामलों में ज्यादा सतर्क रहें और कंपनी के प्रमाण पत्रों की जांच करें। तो सतर्क हो जाए विभाग ने बताया कि, कोई भी कंपनी/एजेंसी/व्यक्ति मोबाइल टॉवर स्थापित करने के लिए जमीन/छत किराये पर देने वाले व्यक्ति से कोई धनराशि नहीं लेती है। तो कंपनी/एजेंसी/व्यक्ति धनराशि मांग करती है तो सतर्क हो जाए।
दूरसंचार विभाग का लोगो प्रयोग करने पर कार्रवाई विभाग ने कहाकि, दूरसंचार विभाग का नाम/चिन्ह (लोगो)/सिफारिशों या राष्ट्रीय प्रतीकों का उपयोग करने जैसी धोखाधड़ी की गतिविधियों में शामिल हुई पाई जाती है तो उन पर प्रयोज्य कानूनों के अन्तर्गत मुकदमा चलाया जा सकता है। यदि कोई व्यक्ति इस प्रकार की जालसाजी का शिकार बनता है तो उस घटना की सूचना स्थानीय पुलिस प्राधिकारी को तुरंत दें।
तुरंत यहां करें सचेत विभाग ने सचेत किया कि, ऐसी घटना होने पर दूरसंचार विभाग के स्थानीय कार्यालय यथा उत्तर प्रदेश पूर्वी एल.एस.ए., लखनऊ से संपर्क कर सकते हैं। (जिसका संपर्क संबंधी ब्यौरा दूरसंचार विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है) या स्थानीय निकायों से भी आपत्ति/अनापत्ति प्रमाणपत्र के बारे में भी पूछा जा सकता है। किसी भी व्यक्ति के इस संबंध में की गई किसी भी कार्यवाही के लिए वह स्वयं जिम्मेवार होगा। दूरसंचार विभाग किसी भी रूप से इसके लिए जवाबदेह नहीं होगा।