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मार्च में ही आसमान से बरसने लगी आग, बढ़ती गर्मी के ये हैं कारण

locationलखनऊPublished: Mar 15, 2018 04:19:08 pm

Submitted by:

Prashant Srivastava

मार्च के महीने में मई-जून जैसी गर्मी ने प्रदेशवासियों का हाल-बेहाल कर दिया है।

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लखनऊ. मार्च के महीने में मई-जून जैसी गर्मी ने प्रदेशवासियों का हाल-बेहाल कर दिया है। बुधवार को पारा 36 डिग्री तक पहुंच गया जो कि इस महीने का अभी तक का अधिकतम तापमान है। वहीं मंगलवार को भी पारा 35 डिग्री तक पहुंचा था। जानकारों की मानें तो मार्च के महीने में पारा 40 का आंकड़ा भी छू सकता है। हालत यह है कि लोग अभी से ही पसीने में तरबतर हो रहे हैं। लोगों का कहना है कि मार्च में गर्मी का यह हाल है तो जून-जुलाई में तो आसमान से आग ही बरसेगी।
ये हैं मुख्य कारण

सुबह से ही तेज धूप निकली हुई है। पिछले 24 घंटों के दौरान अधिकतम तापमान में दो डिग्री सेल्सियस तक का इजाफा हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार इस सप्ताह के अंत तक तापमान में और वृद्घि होने की सम्भावना है।उप्र मौसम विभाग के निदेशक जे पी गुप्ता के अनुसार दिन में तेज धूप निकलने के साथ ही अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेलिसयस के पार जाने की सम्भावना है। गुरुवार को अधिकतम तापमान में दो डिग्री सेल्सियस की वृद्घि दर्ज की गयी थी। इस सप्ताह के अंत तक तापमान में और उछाल देखने को मिलेगा।

मानसून कमजोर होगा

गौरतलब है कि केन्द्रीय मौसम विभाग पहले ही इस वर्ष न केवल भयंकर गर्मी पडऩे बल्कि मानसून के कमजोर रहने की भी भविष्यवाणी कर चुका है जिससे लोग पहले ही चिंतित थे, लेकिन यह अंदाजा नहीं था कि अप्रैल माह में ही गर्मी का पारा 38 डिग्री तक पहुंच जाएगा। उधर, मार्च माह में गर्मी के इस तांडव से आमजन बुरी तरह से परेशान हो गया है। हालत यह है कि लोग अभी से ही पसीने में तरबतर हो रहे हैं। लोगों का कहना है कि मार्च में गर्मी का यह हाल है तो जून-जुलाई में तो आसमान से आग ही बरसेगी।
रात में चलती है हवाएं

रात के समय हवा की गति के कारण हल्की ठंड रहती है। दिन के समय सूर्य की चमक के कारण गर्मी बढ़ी है। न्यूनतम तापमान 25 डिग्री दर्ज किया गया है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार तापमान में बढ़ोतरी होने के साथ-साथ गर्मी बढ़ने के आसार है। साथ-साथ जिले के कुछ हिस्सों में बादल होने के भी आसार हैं।
में अचानक बढ़ रही गर्मी ने किसानों को परेशान कर दिया है। लागत बढ़ने का हवाला देकर कुछ दूध विक्रेताओं ने दाम में तो 2 रुपए लीटर की बढ़ौतरी कर भी दी है। आने वाले दिनों में खाने-पीने की दूसरी चीजें भी महंगी हो सकती हैं।

फसल को नुकसान

तापमान में जिस तरह बढ़ोतरी हो रही है उससे गेहूं की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचने के अनुमान है। प्रति एकड़ करीब 4 से 5 क्विंटल गेहूं कम होने की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में किसानों को अधिक से अधिक पानी और दवाइयों का छिड़काव करना होगा जिससे किसानों पर आर्थिक बोझ भी बढ़ सकता है। ऐसे में किसान बहुत परेशान हैं। वहीं दूसरी तरफ आस-पास के शहर में भी लोगों की यही स्थिति है। समय से पहले आई गर्मी से गेहूं और मक्का की फसल को नुकसान होने की आशंका है। सरसों और मटर की फसल पर भी बढ़ती गर्मी का खतरा मंडरा रहा है। हालांकि जानकारों के मुताबिक दलहन और तिलहन की फसलें थोड़े फायदे में रह सकती हैं। जाहिर है जब किसानों की उपज प्रभावित होगी तो गर्मियों में महंगाई की मार भी पड़ सकती है।
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