संतोषी माता मंदिर, जोधपुर जोधपुर के संतोषी माता मंदिर में शुक्रवार के दिन पुरुषों की एंट्री बैन होती है। अगर पुरुष बाकी दिन मंदिर जा रहे हैं, तो सिर्फ मंदिर के दरवाजे पर खड़े होकर माता के दर्शन कर सकते हैं, लेकिन उनका पूजा करना तब भी वर्जित है। दरअसल, शुक्रवार का दिन मां संतोषी का होता है और इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं। इस दिन पुरुष यहां नहीं आ सकते।
ब्रह्मा मंदिर, राजस्थान ब्रह्मा मंदिर राजस्थान के पुष्कर में स्थित है। भगवान ब्रह्मा का ये मंदिर पूरे भारत में सिर्फ यहीं बना है। इस मंदिर में शादीशुदा पुरुषों का आना मना है। दरअसल, इस मंदिर को लेकर कहा जाता है कि देवी सरस्वती के श्राप की वजह से यहां कोई भी शादीशुदा पुरुष नहीं जा सकता। इसलिए पुरुष सिर्फ आंगन से ही हाथ जोड़ते हैं।
कामाख्या मंदिर, गुवाहाटी कामाख्या मंदिर असम के गुवाहाटी में स्थित है। कामाख्या मंदिर नीलांचल पर्वत पर बना हुआ है। माता के माहावारी के दिनों में यहां उत्सव मनाया जाता है। इन दिनों मंदिर में पुरुषों की एंट्री बैन रहती है। इस दौरान यहां की पुजारी भी एक महिला होती है।
त्र्यंबेश्कर मंदिर, महाराष्ट्र महाराष्ट्र के नासिक में स्थित त्र्यंबेश्कर मंदिर का गर्भगृह भगवान शिव को समर्पित है। यहां के गर्भगृह में पहले महिलाओं के जाने पर रोक थी। 2016 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि यदि महिलाओं के जाने पर बैन है तो पुरुषों के जाने पर भी प्रतिबंध लगे। इसके बाद से गर्भगृह में पुरुषों का जाना मना हो गया।
भगवती देवी मंदिर, कन्याकुमारी कन्याकुमारी में बने इस मंदिर में केवल महिलाओं और किन्नरों को पूजा करने की अनुमति है। पुरुषों को पूजा करने की मनाही है लेकिन अगर वह यहां आना चाहें तो उन्हें सोलह श्रृंगार करना होगा। इसे कोट्टनकुलगंरा मंदिर भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि कुछ चरवाहों ने जब मूर्ति को पहली बार देखा था तो उन्होंने महिलाओं के कपड़े पहन कर फूल चढ़ाए थे, जिसके बाद से पत्थर से दिव्य शक्ति निकलने लगी। इसके बाद इसे मंदिर का रूप दिया गया।