जल्द शुरू होगी जवानों की ट्रेनिंग
एसएसएफ के जवानों की ट्रेनिंग जल्द ही शुरू होगी। राम मंदिर तैयार होने तक एसएसएफ के कई बैच ट्रेंड हो चुके होंगे। एसएसएफ विशेष अधिकारों, आधुनिक तकनीक, संसाधन और हथियार से सुसज्जित होगी। इसे महत्वपूर्ण स्थलों की सुरक्षा में विशेषज्ञता हासिल होगी। एसएसएफ में विभिन्न सुरक्षा बलों के चुनिंंदा जवानों के साथ कम उम्र में सेवानिवृत्त लेने वाले सैनिकों को भी शामिल किया जाएगा।
एसएसएफ के जवानों की ट्रेनिंग जल्द ही शुरू होगी। राम मंदिर तैयार होने तक एसएसएफ के कई बैच ट्रेंड हो चुके होंगे। एसएसएफ विशेष अधिकारों, आधुनिक तकनीक, संसाधन और हथियार से सुसज्जित होगी। इसे महत्वपूर्ण स्थलों की सुरक्षा में विशेषज्ञता हासिल होगी। एसएसएफ में विभिन्न सुरक्षा बलों के चुनिंंदा जवानों के साथ कम उम्र में सेवानिवृत्त लेने वाले सैनिकों को भी शामिल किया जाएगा।
सालाना 1747 करोड़ का खर्च
अयोध्या, काशी, मथुरा और चित्रकूट जैसे तीर्थ स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था संभालने का जिम्मा जिस एसएसएफ को दिया जाएगा उसकी शुरूआत 5 बटालियन से होगी। जिसमें 9,919 जवान होंगे। एसएसएफ़ में चेकिंग यूनिट, डिफेंस यूनिट, अटैक यूनिट होंगी। इन सभी यूनिट पर एक साल में करीब 1747 करोड़ का खर्च आएगा।
अयोध्या, काशी, मथुरा और चित्रकूट जैसे तीर्थ स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था संभालने का जिम्मा जिस एसएसएफ को दिया जाएगा उसकी शुरूआत 5 बटालियन से होगी। जिसमें 9,919 जवान होंगे। एसएसएफ़ में चेकिंग यूनिट, डिफेंस यूनिट, अटैक यूनिट होंगी। इन सभी यूनिट पर एक साल में करीब 1747 करोड़ का खर्च आएगा।
सीआईएसएफ़ की तरह मिलेगीं शक्तियां
सीआईएसएफ की तर्ज पर यूपी एसएसएफ को भी किसी संदिग्ध व्यक्ति की तलाशी लेने, उसे बिना वारंट गिरफ्तार करने, हिरासत में लेकर पूछताछ करने के अधिकार मिलेंगे। बाद में एसएसएफ के पास थाने जैसा पॉवर होगा। ताकि वो कानूनी प्रक्रिया का भी पालन कर सके। एसएसएफ राज्य सरकार के अधीन होगी।
20 दिन पहले जारी हुआ था हाई अलर्ट
रविवार को हुए हमले से पहले केंद्रीय एजेंसियों ने मंदिरों पर हमले आशंका जताई थी। करीब 20 दिन पहले नेपाल के रास्ते यूपी में घुसपैठ होने के सुराग भी खुफिया एजेंसियों को मिली थी। जांच एजेंसियों ने अंदेशा जताया था कि आतंकी संगठन अयोध्या, काशी, मथुरा के अलावा अब गोरखनाथ मंदिर को भी निशाने पर लेने की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि, इसके पीछे किस तरह की और कितनी बड़ी घटना होगी इसकी स्पष्ट जानकारी नहीं थी।
सीआईएसएफ की तर्ज पर यूपी एसएसएफ को भी किसी संदिग्ध व्यक्ति की तलाशी लेने, उसे बिना वारंट गिरफ्तार करने, हिरासत में लेकर पूछताछ करने के अधिकार मिलेंगे। बाद में एसएसएफ के पास थाने जैसा पॉवर होगा। ताकि वो कानूनी प्रक्रिया का भी पालन कर सके। एसएसएफ राज्य सरकार के अधीन होगी।
20 दिन पहले जारी हुआ था हाई अलर्ट
रविवार को हुए हमले से पहले केंद्रीय एजेंसियों ने मंदिरों पर हमले आशंका जताई थी। करीब 20 दिन पहले नेपाल के रास्ते यूपी में घुसपैठ होने के सुराग भी खुफिया एजेंसियों को मिली थी। जांच एजेंसियों ने अंदेशा जताया था कि आतंकी संगठन अयोध्या, काशी, मथुरा के अलावा अब गोरखनाथ मंदिर को भी निशाने पर लेने की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि, इसके पीछे किस तरह की और कितनी बड़ी घटना होगी इसकी स्पष्ट जानकारी नहीं थी।