7 लाख में बुलाई गई थी कॉलगर्ल
पुलिस ने जांच की तो एक के बाद एक कई बड़े खुलासे हुए। पता चला कि इस कॉल गर्ल को करीब 10 दिन पहले ही लखनऊ के एक टॉप व्यापारी के बेटे ने 7 लाख रुपए खर्च करके थाईलैंड से बुलाया था। ये कॉलगर्ल राजस्थान के रहने वाले एक ट्रैवेल एजेंट के संपर्क में थी। उसी ने इसे लखनऊ भेजा था। पुलिस अब इस एजेंट की भी तलाश कर रही है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि थाईलैंड से आई ये कॉलगर्ल कोरोना पॉजिटिव थी। व्यापारी के राईसजादे बेटे ने कॉलगर्ल की तबीयत बिगड़ने पर खुद थाईलैंड एंबेसी को फोन करके इसकी जानकारी वहां दी थी। इसके बाद एंबेसी ने भारत के विदेश मंत्रालय की मदद से उसे अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां उसकी मौत हो गई। कॉलगर्ल की मौत के बाद पुलिस अब राजधानी में पांव पसार रहे इंटरनेशनल सेक्स रैकेट के बारे में भी पता करने में जुट गई है। पुलिस के मुताबिक ट्रेस किया जा रहा है कि इस कॉलगर्ल के संपर्क में और कौन-कौन आया था।
गाइड के सामने किया अंतिम संस्कार
कॉल गर्ल की मौत के बाद शव के हैंडओवर और अंतिम संस्कार की प्रक्रिया में राजधानी की विभूतिखण्ड पुलिस जद्दोजहद में फंसी रही। लखनऊ पुलिस ने कालगर्ल की मौत के बाद पहले थाईलैंड एंबेसी में संपर्क करके उसके परिजनों को डेडबॉडी हैंडओवर करने की कोशिश की, लेकिन जब कोई सामने नहीं आया तो मजबूरन युवती के गाइड सलमान की मौजूदगी में उसका अंतिम संस्कार करा दिया गया। दरअशल छानबीन में पता चला था कि रकाबगंज निवासी सलमान युवती के अस्पताल में भर्ती होने पर उसकी देखरेख कर रहे थे। वहीं गाइड सलमान ने बताया कि 28 अप्रैल को युवती अस्पताल में भर्ती हुई थी। युवती ने रायपुर में रहने वाले अपने परिचित राकेश शर्मा को फोन कर मदद मांगी थी। युवती ने राकेश से कहा था कि उसे कोविड के लक्षण हैं और लखनऊ में उसका कोई परिचित नहीं है, जो उसकी देखभाल कर सके। राकेश ने इस पर सलमान को फोन कर युवती की मदद के लिए कहा था। सलमान का कहना है कि युवती को परेशानी में देखकर उन्होंने उसकी मदद की थी।
सफेदपोश व्यापारी के अय्याश बेटे को बचाने की कोशिश
छानबीन में पता चला कि युवती के पास वीजा है, जो 19 मार्च 2021 से नौ जून 2021 तक के लिए मान्य है। युवती मार्च में थाईलैंड से भारत आई थी। वहीं लोहिया अस्पताल के रजिस्टर में युवती ने हजरतगंज का पता दर्ज कराया था। जांच में पचा चला कि व्यापारी ने युवती को हजरतगंज के एक होटल में ठहराया गया था। इस बीच युवती कोरोना संक्रमित हुई तो व्यापारी पुत्र ने हाथ खड़े कर लिए। हालांकि इस बारे में जब इंस्पेक्टर हजरतगंज श्यामबाबू शुक्ला से पूछा गया तो उन्होंने कोई जानकारी होने से इनकार कर दिया। जबकि नियम के तहत कोई भी विदेशी अगर किसी होटल में ठहरता है तो इसकी जानकारी होटल प्रशासन को संबंधित थाने में देनी होती है। लेकिन, इस मामले में ऐसा नहीं किया गया। युवती कहां ठहरी है, इसका पूरा ब्योरा भी अस्पताल के रजिस्टर में दर्ज नहीं कराया गया, इससे भी इस मामले में कई सवाल खड़े हो रहे हैं। पुलिस महकमा भी शुरू से सफेदपोश के बेटे की करतूतों पर पर्दा डालने में जुटा रहा और इस कालगर्ल को किसने और क्यों लखनऊ बुलाा पुलिस इसे भी बताने को तैयार नहीं है। हालांकि नामचीन व्यापारी के बेटे की अय्याशी काफी दबाने के बाद भी चर्चा में आ गई।