उन्होंने कहा कि नर्सेस डे मनाने के पीछे की कहानी भी काफी रोचक है। फ्लोरेंस नाइटिंगेल हां यही वो नाम है जिनकी 201वीं बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर इस साल हम नर्सेस डे मना रहे हैं। फ्लोरेंस नाइटिंगेल वो नर्स थीं जिन्होंने 19वीं सदी में युद्धों के दौरान घायल सैनिकों की सेवा और इलाज करने का जिम्मा उठाया और इसके लिए तमाम महिलाओं को सामूहिक रूप से नर्सिंग कला सिखाना शुरू किया। कुछ ही वक्त में उनकी ख्याति दूर दूर तक फैल गई। हर नर्स की क्या जिम्मेदारियां होती हैं और उन्हें कैसे काम करना चाहिए। इन बातों के प्रचार-प्रसार के लिए फ्लोरेंस नाइटिंगेल को आज भी वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनइजेशन और पूरी दुनिया याद करती है।
‘नर्सेस बहनें लगातार अपनी सेवाएं प्रदान कर रही हैं’
करुणा शंकर मिश्र ने कहा कि इस कोरोना संकट के समय में भी नर्सेस बहनें लगातार अपनी सेवाएं प्रदान कर रही हैं। कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में जो भी अपनी सेवाएं प्रदान कर रहा है वह एक सेवा के अंतर्गत ही आता है। हम उन सभी सेवा प्रदान करने वाले साथियों का हृदय से आभार व्यक्त करते हैं।
करुणा शंकर मिश्र ने कहा कि इस कोरोना संकट के समय में भी नर्सेस बहनें लगातार अपनी सेवाएं प्रदान कर रही हैं। कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में जो भी अपनी सेवाएं प्रदान कर रहा है वह एक सेवा के अंतर्गत ही आता है। हम उन सभी सेवा प्रदान करने वाले साथियों का हृदय से आभार व्यक्त करते हैं।