मिठाई कारोबार पर पड़ा रहा बुरा असर लखऊ के अभिषेत श्रीवास्तव का कहना है कि चॉकलेट इंडस्ट्री द्वारा विज्ञापन की मदद से चॉकलेट को मिठाई का विकल्प बनाया जा रहा है जिससे मिठाई कारोबार पर असर पड़ रहा है। मिठाई के विकल्प के तौर पर चॉकलेट की सक्रियता से मिठाई की बिक्री कम हो रही है जिससे मिठाई बनाने वाले, दूध व खोए की बिक्री करने वाले व्यापारियों को नुकसान हो रहा है।
इन उत्पादों ने ली मिठाई की जगह दिपावली में हजरतगंज खरीददारी करने आएं मृदुला तिवारी ने बताया कि समय के साथ-साथ मिठाई की जगह सील बंद उत्पाद लेते जा रहे हैं। मिठाइयों की जगह बड़े पैमाने पर चॉकलेट खरीदी जा रही हैं वहीं दीपावली जैसे त्योहारों पर मिठाई की जगह ड्राई फ्रूट, जूस ,बिस्किट, नमकीन, केक, cookies की विक्री बढ़ी है।
मिलावटखोरी बड़ा कारण दुकानों पर बनने वाली मिठाई की कम हो रही बिक्री का एक बड़ा कारण मिलावटखोरी है। दूध व खोए में मिलावट की हर वर्ष और शिकायतें आती हैं। मिठाई में मिलावट का डर बना रहता है मिलावटी मिठाई के नुकसान से बचने के लिए लोग मिठाई की अपेक्षा सीलबंद उत्पाद खरीदना पसंद करते हैं इसके चलते भी चॉकलेट मिठाई का विकल्प बन रही है।
मिठाई को मिले प्रोत्साहन चॉकलेट इंडस्ट्री द्वारा जिस तरह से मिठाई पर हमला करते हुए चॉकलेट को विकल्प बनाने का प्रयास किया जा रहा है ऐसे में मिठाई को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है वहीं मिठाई विक्रेताओं को मिठाई की क्वालिटी व पैकेजिंग पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है जिससे मिठाई अधिक उपयोगी व सुविधाजनक बने।
मिलावट खोरी पर लगानी होगी लगाम मिठाई के प्रति लोगों का विश्वास बनाए रखने के लिए प्रशासन को भी जिम्मेदारी लेनी होगी। मिठाई विक्रेताओं के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि दूध व खोए में मिलावट न हो सके, जिससे कि लोगों को मिलावट रहित शुद्ध मिठाई मिले और कॉलेज के प्रति लोगों का मोह भंग हो।