यह है पूरा मामला बीते 22 अप्रैल को कमांडेंट जनरल होमगार्ड विजय कुमार की ओर से एक आदेश जारी किया गया था। आदेश में कहा गया था कि यातायात ड्यूटी करने वाले होमगार्ड व अवैतनिक अधिकारियों द्वारा पहनी जाने वाली वर्दी के निर्धारण के लिए 21 जून 2021 को एक समिति का गठन किया गया था। समिति के रिपोर्ट के मुताबिक होमगार्ड जवान के पास ड्यूटी के समय पद के अनुरूप पुलिसकर्मियों के अधिकार, विशेष अधिकार और संरक्षण का अधिकार होता है। ऐसे में उस पर संशोधित पुलिस अधिनियम 1861 लागू होना स्वाभाविक है। इस स्थिति में ड्यूटी के समय होमगार्ड और पुलिस के बीच विभिन्न पदों के अनुसार वर्दी की एकरूपता की जरूरत है। इसके बाद होमगार्ड के जवानों के लिए कुछ बदलाव करते हुए नई वर्दी धारण करने का आदेश जारी कर दिया गया। इसमें यातायात पुलिसकर्मियों द्वारा पहनी जाने वाली वर्दी, नीली पेंट, सफेद शर्ट, नीली पैरेट कैप, काली वेब, कैनवस बेल्ट, काले जूते, नीली जर्सी को हूबहू कॉपी करते हुए यातायात ड्यूटी में लगे होमगार्ड विभाग के जवानों को पहनने का आदेश दे दिया गया। इसका विरोध यातायात पुलिस के जवानों ने किया तो शासन ने हस्तक्षेप किया और आदेश तत्काल निरस्त कर दिया गया।
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मुफ्त राशन वितरण को लेकर योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देश, होने वाला है बड़ा बदलाव पदों के नाम बदलने का भी जारी किया गया था आदेश शासन में 22 अप्रैल को हुई बैठक का हवाला देते हुए होमगार्ड विभाग के विभिन्न पदों के नाम बदल दिए गए। इस संबंध में शासन को पिछले साल जुलाई में प्रस्ताव भेजा गया था। उसी क्रम में महा समादेष्ठा कमांडेंट जनरल को डीजी होमगार्ड, अपर महासमादेष्ठा को एडीजी होमगार्ड, संयुक्त महासमादेष्ठा को आईजी होमगार्ड, महासमादेष्टा को डीआईजी होमगार्ड, डिवीजनल कमांडेंट को एडिशनल डीआईजी होमगार्ड, जिला महासमादेष्ठा को कमांडेंट होमगार्ड, प्रशासकीय सूबेदार को इंस्पेक्टर होमगार्ड प्लाटून कमांडर को सब इंस्पेक्टर होमगार्ड जाता नाम दिए जाने का 22 अप्रैल को आदेश जारी कर दिया गया था।