बसपा सुप्रीमो मायावती ने शनिवार सुबह ट्वीट कर कहा कि उत्तर प्रदेश में फैले प्रदूषण को लेकर खासकर यहां पराली जलाने की आड़ में किसानों के साथ हो रही जुल्म-ज्यादती अति निन्दनीय काम है। जबकि इस मामले में सरकार को कोई भी कार्रवाई करने से पहले, उन्हें जागरूक व जरूरी सहायता देने की भी जरूरत है। बीएसपी ने योगी सरकार से यह मांग की है कि सबसे पहले सरकार किसानों को बढ़ते प्रदूषण और पराली न जलाने को लेकर जागरूक करना चाहिए। अचानक से किसानों पर कार्रवाई करना गलत है।
इससे पहले किसानों की कार्रवाई पर अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि पर्यावरण प्रदूषण के बहाने पराली जलाने के नाम पर किसानों को जेलों में डालने वाले महानुभाव बताएं कि राजनीतिक प्रदूषण फैलाने वालों को जेल कब होगी। किसान अब भाजपा का खेत खोद देंगे। इसके साथ ही प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट कर कहा कि क्या प्रदूषण के लिए सिर्फ किसान जिम्मेदार हैं? प्रदूषण फैलाने के असली जिम्मेदारों पर कार्रवाई कब होगी? किसान का वोट- कानूनी… किसान का धान- कानूनी… किसान की पराली- गैरकानूनी? यूपी सरकार ने सहारनपुर में किसानों को जेल में डाला, उन्हें छुड़वाने के लिए कांग्रेस के साथियों ने किसानों का साथ दिया।
सीएम ने किसानों को जागरूक करने के दिए निर्देश
विपक्ष के घेराव के बाद सीएम योगी ने हर जिलें के अफसरों को निर्देश दिए कि पराली (फसल अपशिष्ट) जलाने से होने वाली क्षति के प्रति किसानों को सबसे पहले जागरूक किया जाए। किसी भी स्थिति में कहीं भी इस मुद्दे पर किसानों से बदसलूकी सहन नहीं की जाएगी। पराली को लेकर पहले ही गाइडलाइन जारी की जा चुकी है। किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान और नहीं जलाने से होने वाले फायदे के बारे में अभियान चलाकर जागरूक किया जाए। सीएम ने कहा कि किसानों को बताएं कि पराली जलाना पर्यावरण के साथ आपकी जमीन की उर्वरा शक्ति के लिए भी ठीक नहीं है। सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने पराली जलाने को दंडनीय अपराध घोषित किया है। किसान ऐसा करने की जगह उन योजनाओं का लाभ उठाएं, जिससे पराली को निस्तारित कर उसे उपयोगी बनाया जा सकता है।