मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश में जब किसान पहले अपने खेत में पानी डालने जाता था तब बिजली नहीं होती थी, लेकिन आज ऐसा नहीं है। प्रदेश की अच्छी विद्युत की आपूर्ति ने किसानों की लागत को कम किया और उत्पादन बढ़ाने में योगदान दिया है। आज आप देख सकते हैं कि गांव हो या शहर रात्रि में बिजली हर जगह होती है। अब हमारा लक्ष्य प्रदेश के हर जिले में सभी जगह 24 घंटे बिजली देने का है।
सीएम योगी ने कहा कि कोरोना काल में प्रदेश के सुदूर क्षेत्रों में कोविड हॉस्पिटल बनाने और टेलीमेडिसिन व टेलीकंसल्टेशन की सुविधा देने में इसलिए मदद मिली, क्योंकि वहां विद्युत की आपूर्ति संभव हो पाई थी। इससे वहां बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने में मदद मिली। सीएम पावर कॉरपोरेशन का कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान निर्बाध विद्युत आपूर्ति कर लोगों के जीवन को सहज बनाने के लिए अभिनंदन करता किया। प्रदेश में 1.21 लाख से अधिक गांव व मजरों में विद्युतीकरण का कार्य हुआ है। 1.38 करोड़ उपभोक्ताओं को नि:शुल्क विद्युत के कनेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं। टोल फ्री नंबर जारी कर किसानों और उपभोक्ताओं की समस्याओं के निराकरण का काम हुआ है। निर्बाध विद्युत आपूॢत ने किसानों की लागत को कम किया है और उत्पादन बढ़ाने में योगदान दिया है।
पीपीपी मोड पर किया जा रहा पारेषण परियोजनाओं का काम
सीएम ने कहा कि आज गांव हों या शहर, हर ओर बिजली चमकती हुई दिखाई देती है। इन परियोजनाओं से प्रदेश में लगभग सभी कमिश्नरी को लाभ मिलेगा। साथ ही प्रदेश की जनता को निर्बाध रूप से विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकती है। आज 220 केवी क्षमता के 10 व 132 केवी क्षमता के 06 पारेषण उपकेंद्रों का शिलान्यास लखनऊ, फर्रुखाबाद, मुजफ्फरनगर, आगरा, सहारनपुर, झांसी, महाराजगंज, फैजाबाद, बस्ती, बांदा, बागपत व कुशीनगर में सम्पन्न हुआ है। इनकी लागत 1,347.91 करोड़ रुपया है। लोकार्पण होने वाली परियोजना में 220/132 एवं 132/33 केवी के 09 उपकेंद्र शामिल हैं। इनकी बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, अयोध्या, चित्रकूट, सीतापुर, मीरजापुर, लखनऊ, वाराणसी, फतेहपुर और गोंडा में स्थापना हुई है। इसमें 571.57 करोड़ रुपए व्यय हुए हैं। वहीं 6,100 करोड़ की लागत से पारेषण परियोजनाओं का पीपीपी मोड पर कार्य किया जा रहा है और प्रदेश में 400 केवीए से उच्च प्रकृति के पारेषण कार्यों को भी पीपीपी मोड में संपादित करने के लिए कार्यवाही आगे बढ़ाई जा रही है।