दल के राष्ट्रीय सदस्य एवं प्रवक्ता RB सिंह पटेल ने सोनेलाल पटेल के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज ही के दिन 17 अक्टूबर 2009 को पटेल की मृत्यु साजिशन सड़क दुर्घटना में हुई थी। जिसकी सीबीआई से जांच कराने की मांग केन्द्र और प्रदेश सरकार से लगातार की जा रही थी। लेकिन सरकारों ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया।
पटेल ने कहा था कि मतदाताओं को जीवनरक्षक भत्ता या मतदाता पेंशन दी जाये जिससे उनका भी जीवन स्तर ऊंचा उठ सके। उनका मानना था कि सकल घरेलू उत्पादन का 50 प्रतिशत सरकार देश के विकास में खर्च करें, और 50 प्रतिशत मतदाताओं को मतदाता पेंशन के रूप में देने का काम करें जिससे मतदाता अपनी जरूरतों को पूरा कर सके, और देा के विकास में अपना सहयोग प्रदान करे।
पटेल का यह भी सपना था कि कृषि एवं किसानों के विकास के लिए कृषि आयोग का गठन, कृषि को उद्योग का दर्जा, कृषि से सम्बन्धित यंत्र लागत मूल्य पर उपलब्ध कराना और भष्टाचार को राष्ट्रद्रोह घोषित कर मृत्यु दण्ड देने की वकालत की थी जिससे भष्टाचारियों के दिलो दिमाग में भय व्याप्त हो जिससे इस देश से भष्टचार खत्म हो। सूखे एवं बाढ़ से निपटने के लिए देश की नदियों को आपस में जोड़कर स्टाप डैम बनाकर जमीन को सिंचित किया जाय, और शिक्षा का राष्ट्रीयकरण किया जाय। पूरे भारत में एक समान शिक्षा लागू की जाय। जिससे गरीब किसानों के बच्चे भी डीएम, एसपी बन सके।