scriptविकास प्राधिकारण अधिकारियों का बड़ा फैसला, खेती की जमीन पर मकान बनाने वालों को देना होगा इम्पैक्ट फीस | those who build house on farming land will give impact fees | Patrika News

विकास प्राधिकारण अधिकारियों का बड़ा फैसला, खेती की जमीन पर मकान बनाने वालों को देना होगा इम्पैक्ट फीस

locationलखनऊPublished: Apr 12, 2021 04:33:03 pm

Submitted by:

Karishma Lalwani

– खेती की जमीन पर मकान बनाने वालों को देनी होगी इम्पैक्ट फीस- प्रभार शुल्क से प्राधिकरण डेवलप करेगा सड़क और नाली- अब 10 एकड़ या उससे बड़ी टाउनशिप के एक प्रतिशत क्षेत्र में बनाना होगा तालाब

विकास प्राधिकारण अधिकारियों का बड़ा फैसला, खेती की जमीन पर मकान बनाने वालों को देना होगा इम्पैक्ट फीस

विकास प्राधिकारण अधिकारियों का बड़ा फैसला, खेती की जमीन पर मकान बनाने वालों को देना होगा इम्पैक्ट फीस

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

लखनऊ. शहरों में खेती की जमीन पर मकान बनाने वालों को इम्पैक्ट फीस देनी होगी। फीस के एवज में लोगों को सड़क या फिर अन्य नागरिक सुविधाएं दी जाएंगी। उच्चाधिकारियों की बैठक में इस पर सहमति बन गई है। जल्द ही इससे जुड़े सभी नियम विकास प्राधिकारण को सौंप दिए जाएंगे। वर्तमान में प्रदेश के कुछ बड़े विकास प्राधिकरणों में इम्पैक्ट फीस लेने की व्यवस्था है, लेकिन सभी विकास प्राधिकरणों में नहीं लिया जा रहा है। अब इसे स्थायी रूप से लागू किया जाएगा। इंपैक्ट फीस का निर्धारण क्षेत्रफल और शहर के हिसाब से अलग-अलग किया जाएगा। इसके लिए आवास विकास अधिनियम में संशोधन करेगा।
सुविधाओं के लिए लोग गांव से शहर की ओर पलायन कर रहे हैं। इसलिए यहां का क्षेत्रफल धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। निर्माण कार्य के लिए खेती की जमीन का भी इस्तेमाल होने लगा है। वहीं, विकास प्राधिकारण के पास जमीन न होने की वजह से लोग आवासीय सोसायटी में जमीन लेकर मकान बना रहे हैं। अधिकतर आवासीय सोसाइटियां खेती की जमीन पर प्लॉटिंग करके उसे बेच देती हैं। न तो इन जमीनों का ले आउट पास होता है और न ही इसका भू-उपयोग में परिवर्तन हुआ रहता है। इसके चलते सोसाइटियों के आसपास बनी सड़कों या फिर अन्य नागरिक सुविधाओं वाले स्थानों पर भार पड़ता है। खासकर विकास प्राधिकरण की योजनाओं से सटी हुई कॉलोनियों में ऐसा होता है। इसी कारण विकास प्राधिकरण की तरफ से यह नया शुल्क जोड़ा गया है।
आय बढ़ाएगा इम्पैक्ट फीस

लोगों से वसूली गई इम्पैक्ट फीस का इस्तेमाल विकास प्राधिकारण की आय बढ़ाने के लिए किया जाएगा। इम्पैक्ट फीस लगने से खेती की जमीन का इस्तेमाल भी कम होगा और विकास प्राधिकारण को अपने इस्तेमाल के लिए आसानी से जमीन मिल जाएगी। इम्पैक्ट फीस वसूली के लिए आवास विभाग जरूरत के आधार पर विकास प्राधिकरण अधिनियम में संशोधन करेगा, जिससे इसे अनिवार्य रूप से वसूला जा सके। इसके बाद विकास प्राधिकरण ऐसे मामलों में मनमाने तरीके से छूट भी नहीं दे पाएंगे।
10 एकड़ या उससे बड़ी टाउनशिप के एक प्रतिशत क्षेत्र में बनाना होगा तालाब

जल संरक्षण को बनाए रखने के लिए प्रदेश सरकार ने 10 एकड़ या उससे बड़ी टाउनशिप एरिया के एक प्रतिशत क्षेत्रफल में तालाब का निर्माण करवाया अनिवार्य कर दिया है। यूपी के प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है। दीपक कुमार ने कहा कि ‘कैच द रेन’ अभियान के तहत 10 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल की टाउनशिप योजनाओं के ले आउट प्लान में पार्क और खुले क्षेत्र के लिए प्रस्तावित भूमि के अंतर्गत जलाशय का निर्माण अनिवार्य रूप से कराना होगा। उन्होंने कहा कि टाउनशिप के पार्क और खुले क्षेत्र के अंतर्गत निर्धारित मानकों के अनुसार एक कोने में रिचार्ज पिट, रिचार्ज शॉफ्ट बनाए जाएंगे। टाउनशिप के पार्कों में पक्का निर्माण पांच प्रतिशत से ज्यादा नहीं किया जाएगा।
https://www.dailymotion.com/embed/video/x80kfzs
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो