आवाज कम करने में लखनऊ अव्वल
पुलिस विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक सबसे ज्यादा 1,366 लाउडस्पीकर वाराणसी जोन से उतारे गए हैं। इसके अलावा मेरठ जोन में 1,215, बरेली जोन में 1,070 और कानपुर जोन में 'अवैध' रूप से लगाए गए 1,056 लाउडस्पीकर हटाये गये हैं। पुलिस के मुताबिक जहां तक वैध लाउडस्पीकर की आवाज कम करने का सवाल है तो इस मामले में राजधानी लखनऊ अव्वल है जहां 6,400 लाउडस्पीकर की आवाज धीमी की गई है। इसके अलावा बरेली जोन में 6,257 और मेरठ जोन में 5,976 लाउडस्पीकर की आवाज सीमित की गई है।
पुलिस विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक सबसे ज्यादा 1,366 लाउडस्पीकर वाराणसी जोन से उतारे गए हैं। इसके अलावा मेरठ जोन में 1,215, बरेली जोन में 1,070 और कानपुर जोन में 'अवैध' रूप से लगाए गए 1,056 लाउडस्पीकर हटाये गये हैं। पुलिस के मुताबिक जहां तक वैध लाउडस्पीकर की आवाज कम करने का सवाल है तो इस मामले में राजधानी लखनऊ अव्वल है जहां 6,400 लाउडस्पीकर की आवाज धीमी की गई है। इसके अलावा बरेली जोन में 6,257 और मेरठ जोन में 5,976 लाउडस्पीकर की आवाज सीमित की गई है।
बिना भेदभाव के हो रहा है काम
एडीजो एलओ प्रशांत कुमार ने बताया कि लाउडस्पीकर हटाने का काम बिना किसी भेदभाव के किया जा रहा है। हाल ही में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि हर किसी को अपनी-अपनी धार्मिक आस्था के हिसाब से पूजा और इबादत करने की आजादी है। लेकिन लाउडस्पीकर की आवाज परिसर के बाहर नहीं जानी चाहिए।
यह है सरकारी आदेश
पुलिस के अनुसार साल 2018 का एक सरकारी आदेश है, और ध्वनि डेसिबल सीमा और अदालत के निर्देशों के लिए निर्धारित नियम हैं। इसे ही जिलों में सख्ती के साथ क्रियान्वित किया जा रहा है। बातचीत के माध्यम से दिशानिर्देशों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। कई लोगों ने स्वत: अनधिकृत लाउडस्पीकरों को हटा दिया। नियम यह है कि शोर या ध्वनि परिसर से बाहर नहीं जानी चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि किसी परिसर में पांच लाउडस्पीकर हैं, तो तीन लाउडस्पीकरों को हटाया जा सकता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लोग अपनी सामान्य धार्मिक गतिविधियों को भी करते रहें और ध्वनि परिसर तक ही सीमित रहे।
पुलिस के अनुसार साल 2018 का एक सरकारी आदेश है, और ध्वनि डेसिबल सीमा और अदालत के निर्देशों के लिए निर्धारित नियम हैं। इसे ही जिलों में सख्ती के साथ क्रियान्वित किया जा रहा है। बातचीत के माध्यम से दिशानिर्देशों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। कई लोगों ने स्वत: अनधिकृत लाउडस्पीकरों को हटा दिया। नियम यह है कि शोर या ध्वनि परिसर से बाहर नहीं जानी चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि किसी परिसर में पांच लाउडस्पीकर हैं, तो तीन लाउडस्पीकरों को हटाया जा सकता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लोग अपनी सामान्य धार्मिक गतिविधियों को भी करते रहें और ध्वनि परिसर तक ही सीमित रहे।
धर्म गुरुओं ने जारी की अपील
लखनऊ स्थित सुन्नी मौलवी मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली और बलरामपुर के शक्ति पीठ देवीपाटन मंदिर के पुजारी मिथिलेश नाथ योगी उन धार्मिक नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने सरकार के कदम का समर्थन करते हुए अपील जारी की थी। मौलाना खालिद ने कहा कि उन्होंने अपने अधिकार क्षेत्र के तहत सभी मस्जिदों को अतिरिक्त लाउडस्पीकरों को हटाने और शेष उपकरणों की आवाज़ को सीमित करने के लिए कहा है। यह हमारे और हमारे बच्चों के लिए और ध्वनि प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए फायदेमंद है।
लखनऊ स्थित सुन्नी मौलवी मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली और बलरामपुर के शक्ति पीठ देवीपाटन मंदिर के पुजारी मिथिलेश नाथ योगी उन धार्मिक नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने सरकार के कदम का समर्थन करते हुए अपील जारी की थी। मौलाना खालिद ने कहा कि उन्होंने अपने अधिकार क्षेत्र के तहत सभी मस्जिदों को अतिरिक्त लाउडस्पीकरों को हटाने और शेष उपकरणों की आवाज़ को सीमित करने के लिए कहा है। यह हमारे और हमारे बच्चों के लिए और ध्वनि प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए फायदेमंद है।
मेरी अपील है कि इस कानून का पूरी तरह से पालन करें। मिथिलेश नाथ योगी ने कहा कि सांप्रदायिक सद्भाव और क्षेत्र की सुरक्षा महत्वपूर्ण है। हम सरकार के इस कदम का समर्थन कर रहे हैं। तेज आवाज से बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है और लोगों को सुबह जल्दी परेशानी होती है। इसलिए अतिरिक्त लाउडस्पीकर निकालें और बाकी में ध्वनि कम करें।