लखनऊ

यूपी में तीन माह में तीन पत्रकारों की हत्या, मुख्यमंत्री ने 10 लाख देने का किया ऐलान

( UP government) यूपी सरकार की चारो ओर निंदा, सरकार ने मृतक के आश्रितों को दस लाख की सहायता का ऐलान किया

लखनऊAug 25, 2020 / 06:49 pm

Ritesh Singh

यूपी में तीन माह में तीन पत्रकारों की हत्या, मुख्यमंत्री ने 10 लाख देने का किया ऐलान

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में तीन महीने में तीन पत्रकारों की हत्या कर दी गयी । ताजा मामला बलिया जिले का है जहां सोमवार की रात एक निजी चैनल के( Journalist ratan singh) पत्रकार रतन सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी गयी। इस मामले में बलिया जनपद के फेफना थाना के प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है। पुलिस ने इस मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है। अपर पुलिस अधीक्षक संजय यादव ने बताया कि एक निजी टीवी चैनल के पत्रकार रतन सिंह के पिता विनोद सिंह की शिकायत पर सोमवार रात फेफना थाना में भारतीय दंड संहिता की बलवा एवं हत्या से संबंधित धारा में दस व्यक्तियों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने छह आरोपियों सुशील सिंह, सुनील सिंह, अरविंद सिंह, वीर बहादुर सिंह, दिनेश सिंह और विनय सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि विनोद सिंह के मुताबिक उनके पुत्र को गांव का ही सोनू सिंह कल रात आठ बजे घर से बुलाकर ले गया तथा उसके घर पर पहले से ही मौजूद लोग लाठी, डंडे और रिवॉल्वर से लैस थे। इन लोगों ने रतन की हत्या कर दी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिवंगत ( Journalist ratan singh) पत्रकार रतन सिंह के परिजन को 10 लाख रुपए आर्थिक मदद देने का मंगलवार को एलान किया।
अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने लखनऊ में बताया कि( Chief Minister) मुख्यमंत्री ने हत्या पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए आरोपियों के खिलाफ हर संभव कार्रवाई का निर्देश दिया है। छः आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ चुके हैं, शेष की भी जल्द गिरफ्तारी हो जायेगी। सोमवार को रतन सिंह की हत्या के बाद स्थानीय पुलिस ने बताया था कि पत्रकार का पारिवारिक विवाद था जिसका रतन सिंह के पिता ने खंडन करते हुए कहा कि पुलिस की थियोरी गलत है।बता दें कि पत्रकार रतन सिंह की जान को खतरा था। इस लिये उन्होंने असलहे का आवेदन किया था। जो जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बाबुओं के बीच झूलता रह गया और पत्रकार की हत्या भी कर दी गयी। बलिया के जिलाधिकारी छुट्टी पर है एडीएम रामआसरे सिंह ने दोका सामना को बताया कि उनकी पत्नी के नाम असलहे का लाइसेंस निर्गत किया जाएगा।
एक बार फिर विपक्ष ने सरकार को निशाने पर ले लिया है। कांग्रेस महासचिव ( Priyanka Gandhi Vadra) प्रियंका गांधी वाड्रा ने टियूट करके कहा है कि “देश में कोरोना महामारी काल में भी अपराध थमने का नाम नहीं ले रहा है और अब तो लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माने जाने वाले मीडिया जगत के लोग भी यहां आए दिन हत्या व जुर्म के शिकार हो रहे हैं। आजमगढ़ मंडल में हुई पत्रकार की हत्या इसका ताजा उदाहरण है”। उन्होंने लिखा है कि 19 जून को पत्रकार शुभममणि त्रिपाठी की उन्नाव में हत्या, 20 जुलाई को पत्रकार विक्रम जोशी की नोयडा में हत्या, 24 अगस्त को पत्रकार रतन सिंह की बलिया में हत्या हुई। पिछले 3 महीनों में 3 पत्रकारों की हत्या की गई।
11 पत्रकारों पर खबर लिखने के चलते प्राथमिकी दर्ज हुई। ( UP government) यूपी सरकार का रवैया पत्रकारों की सुरक्षा और स्वतन्त्रता को लेकर ये निंदनीय है। प्रदेश सरकार द्वारा मृत पत्रकार के आश्रितों को दस लाख की सहायता की घोषणा के बाद यूपी सरकार में राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने पत्रकार के परिजनों से मिले। उसके बाद जिला अस्पताल का दौरा किया। उन्होंने कहा,”हम इस मुद्दे को गंभीरता से ले रहे हैं।मैं मुख्यमंत्री से अनुरोध करूंगा कि वे मुआवजा बढ़ाएं और उनकी पत्नी को नौकरी दें।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ( Ajay Kumar Lallu) अजय कुमार लल्लू जो मृत पत्रकार के परिजनों से मिलने बलिया जा रहे थे को रायबरेली में सलोन पुलिस ने गिरफ्तार कर डाकबंगले में नजरबंद कर दिया। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मृत पत्रकार के परिजनों को 2 लाख की आर्थिक सहायता देने की घोषणा किया है। उन्होंने प्रदेश सरकार से मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी व 50 लाख की सहायता देने की मांग किया है। ( BSP supremo Mayawati) बसपा सुप्रीमों मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश अपराध प्रदेश बन गया है। इस सरकार में अफसर बेलगाम हो गये हैं

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