क्या है ये अनजान बुखार, मर चुके हैं आठ दर्जन
तराई बेल्ट में भारी बारिष होने के बाद से अज्ञात बीमारी से करीब आठ दर्जन लोगों की मौतें हो चुकी हैं। इनमें अधिकांष बच्चे हैं। इस अज्ञात बीमारी में अचानक लोगों को बुखार आता है। बुखार इतना तेज होता है कि डाक्टर उसे समझ ही नहीं पाते और पीड़ित दम तोड़ देता है। ऐसा माना जा रहा है कि बरसात के बाद से संक्रमण फैलने से यह बीमारी पनप रही है।
तराई बेल्ट में भारी बारिष होने के बाद से अज्ञात बीमारी से करीब आठ दर्जन लोगों की मौतें हो चुकी हैं। इनमें अधिकांष बच्चे हैं। इस अज्ञात बीमारी में अचानक लोगों को बुखार आता है। बुखार इतना तेज होता है कि डाक्टर उसे समझ ही नहीं पाते और पीड़ित दम तोड़ देता है। ऐसा माना जा रहा है कि बरसात के बाद से संक्रमण फैलने से यह बीमारी पनप रही है।
सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर भेजी गईं कीट नाषक दवाएं
स्वास्थ्य सचिव झिमोमी ने बताया कि राज्य स्तरीय दलों द्वारा दोनों जनपदों के प्रसाशनिक अधिकारियों एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से संपर्क कर बुखार पर प्रभावी नियंत्रण हेतु सहयोग प्रदान किया जाएगा। साथ ही समस्त स्वास्थ्य इकाइयों पर कीटनाशक एवं दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि इन दलों का दायित्व होगा कि बुखार से पीड़ित रोगियों की जांच एवं उपचार हेतु स्थानीय दलों की संख्या बढ़वाएं। साथ ही यह दल विशेष शिविरों के माध्यम से समस्त बुखार पीड़ित रोगियों की रक्त पट्टिका, रैपिड डायग्नोस्टिक किट (आरडीटी) द्वारा जांच कर उन्हें मानक के अनुसार उपचार उपलब्ध कराएंगे।
स्वास्थ्य सचिव झिमोमी ने बताया कि राज्य स्तरीय दलों द्वारा दोनों जनपदों के प्रसाशनिक अधिकारियों एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से संपर्क कर बुखार पर प्रभावी नियंत्रण हेतु सहयोग प्रदान किया जाएगा। साथ ही समस्त स्वास्थ्य इकाइयों पर कीटनाशक एवं दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि इन दलों का दायित्व होगा कि बुखार से पीड़ित रोगियों की जांच एवं उपचार हेतु स्थानीय दलों की संख्या बढ़वाएं। साथ ही यह दल विशेष शिविरों के माध्यम से समस्त बुखार पीड़ित रोगियों की रक्त पट्टिका, रैपिड डायग्नोस्टिक किट (आरडीटी) द्वारा जांच कर उन्हें मानक के अनुसार उपचार उपलब्ध कराएंगे।
फागिंग और फोकल रेजीडुअल स्प्रे षुरू
बरेली पहुंची जांच टीम ने बताया कि निरोधात्मक कार्यवाही के तहत प्रभावित समस्त गांवो में मच्छरों के नियंत्रण हेतु लार्विसाईडल स्प्रे, फॉगिंग, फोकल रेजीडुअल स्प्रे का काम षुरू हो गया है। राज्य स्तरीय दलों के साथ दवाइयां और आरडीटी किट भी भेजी जा रही है। इसके अतिरिक्त जनपद स्तरीय दलों के साथ समन्वय स्थापित कर जनसामान्य को जागरूक करने का भी कार्य इन दलों द्वारा किया जाएगा।
बरेली पहुंची जांच टीम ने बताया कि निरोधात्मक कार्यवाही के तहत प्रभावित समस्त गांवो में मच्छरों के नियंत्रण हेतु लार्विसाईडल स्प्रे, फॉगिंग, फोकल रेजीडुअल स्प्रे का काम षुरू हो गया है। राज्य स्तरीय दलों के साथ दवाइयां और आरडीटी किट भी भेजी जा रही है। इसके अतिरिक्त जनपद स्तरीय दलों के साथ समन्वय स्थापित कर जनसामान्य को जागरूक करने का भी कार्य इन दलों द्वारा किया जाएगा।
जांच टीमों में हैं स्पेषलिस्ट डाक्टर
बताते चलें कि राज्य स्तरीय दलों में बरेली के लिए डॉ विकासेंदु अग्रवाल, एके शर्मा, सुदेश कुमार एवं शुएब गए हुए हैं। इसी प्रकार बदायूँ के लिए डॉ विकास सिंघल, डॉ अभिषेक मिश्रा, डॉ मानवेन्द्र त्रिपाठी एवं डॉ शैलेन्द्र मिश्रा का एक दल तथा डॉ अखिलेश त्रिपाठी, डॉ अनिल कुमार यादव, डॉ एके वर्मा एवं डॉ रामकेत यादव की टीमें सक्रिय रूप् से जुट गई हैं।
बताते चलें कि राज्य स्तरीय दलों में बरेली के लिए डॉ विकासेंदु अग्रवाल, एके शर्मा, सुदेश कुमार एवं शुएब गए हुए हैं। इसी प्रकार बदायूँ के लिए डॉ विकास सिंघल, डॉ अभिषेक मिश्रा, डॉ मानवेन्द्र त्रिपाठी एवं डॉ शैलेन्द्र मिश्रा का एक दल तथा डॉ अखिलेश त्रिपाठी, डॉ अनिल कुमार यादव, डॉ एके वर्मा एवं डॉ रामकेत यादव की टीमें सक्रिय रूप् से जुट गई हैं।